Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Jan, 2025 05:55 PM
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य आयोजन सद्भाव एवं एकता के मामले में महाकुंभ जितना शक्तिशाली संदेश नहीं देता, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान की परवाह किए बिना गंगा में स्नान कर सकता है।
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य आयोजन सद्भाव एवं एकता के मामले में महाकुंभ जितना शक्तिशाली संदेश नहीं देता, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान की परवाह किए बिना गंगा में स्नान कर सकता है। शाह ने यहां गुजरात विश्वविद्यालय परिसर में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ का जिस पैमाने पर आयोजन किया गया है, उसे देखकर दुनिया भर के लोग आश्चर्यचकित हैं।
'बिना निमंत्रण के 40 करोड़ लोग एक स्थान पर एकत्रित हुए'
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विभिन्न देशों के राजदूतों ने उनसे "निमंत्रण पत्र" के लिए अनुरोध किया था। शाह ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि इस विशाल समारोह के लिए कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं है, क्योंकि करोड़ों लोग ग्रहों की स्थिति के अनुसार एक विशिष्ट समय पर यहां एकत्रित होते हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हुआ होगा कि बिना किसी निमंत्रण के 40 करोड़ लोग एक स्थान पर एकत्रित हो गए।
सद्भाव और एकता का संदेश देता है महाकुंभ
मंत्री ने कहा कि जब उनसे पूछा गया कि यह आयोजन कौन करता है, तो उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा कि सरकार जो करती है, वह धार्मिक नेताओं, संतों और उनके संगठनों द्वारा वहां जाने वाले लोगों के लिए किए जाने वाले कार्यों की तुलना में बहुत छोटा है।” शाह ने कहा, “कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है क्योंकि इसमें यह नहीं पूछा जाता आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं। आपको बिना किसी भेदभाव के भोजन मिलता है और स्नान के बाद आप घर वापस जा सकते हैं। दुनिया में कोई भी अन्य आयोजन महाकुंभ की तुलना में सद्भाव और एकता का इतना शक्तिशाली संदेश नहीं देता।”
27 जनवरी को महाकुंभ जाएंगे अमित शाह
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के एकत्र होने के बावजूद कोई भी होटल में नहीं रहता, क्योंकि सभी को गंगा के किनारे लगे तंबुओं में रहने की सुविधा मिलती है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं सदियों से होती रही हैं, यहां तक कि मुगल और ब्रिटिश शासन के दौरान भी और जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब भी। उन्होंने गुजरात के लोगों, विशेषकर युवा पीढ़ी से महाकुंभ में आने का आग्रह किया। शाह ने कहा कि वह स्वयं 27 जनवरी को गंगा में स्नान करने के लिए महाकुंभ जाएंगे।