Edited By Utsav Singh,Updated: 24 Jun, 2024 01:55 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश की जनता विपक्ष से ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान' की जगह ‘ठोस काम' और संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश की जनता विपक्ष से ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान' की जगह ‘ठोस काम' और संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है। एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनकी सरकार हर किसी की सहमति के साथ और हर किसी को साथ लेकर चलने का निरंतर प्रयास करेगी। 18वीं लोकसभा की शुरुआत के अवसर पर संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने संसदीय चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत को ‘महान और भव्य' बताया तथा कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उनकी सरकार पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेगी और परिणाम भी तीन गुना लाकर रहेगी।
जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है
इस अवसर पर उन्होंने साल 2047 तक ‘श्रेष्ठ और विकसित' भारत के लक्ष्य को हासिल करने के संकल्प को दोहराया और साथ ही आपातकाल को याद करते हुए देशवासियों को इसकी 50वीं वर्षगांठ पर यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई यह हिम्मत नहीं कर सके। मोदी ने कहा, ‘‘देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक तो निराशा मिली है। इस 18वीं लोकसभा में देश उनसे विपक्ष के नाते उनकी भूमिका की अपेक्षा करता है, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा करता है। मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसमें खरा उतरेगा।''
लोग ठोस काम चाहते हैं, नारेबाजी नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘लोग सदन में बहस की अपेक्षा करते हैं। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहे, ड्रामे होते रहें, व्यवधान होता रहे। लोग ठोस काम चाहते हैं, नारेबाजी नहीं चाहते हैं। देश को एक अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है, जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है और मुझे पक्का विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीतकर के आए हैं, वो सामान्य जन की उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।''
देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी
प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है और संकेत दिए है कि पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर के मां भारती की सेवा करें, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं को परिपूर्ण करें। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, सबको साथ लेकर के संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं।''
25 जून को लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा था
आपातकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं और जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। उन्होंने कहा, ‘‘कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। संविधान को समाप्त कर दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।''
आपातकाल के बीते 50 सालों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इसकी 50वीं वर्षगांठ के मौके पर गौरव के साथ संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र व लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, हम संकल्प करेंगे भारत के संविधान की निर्दिष्ट दिशा के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का।''
जनता ने तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है
लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि देश की जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए राजग सरकार को पसंद किया है जो कि उसकी नीयत, नीतियों और जनता-जनार्दन के प्रति उसके समर्पण भाव पर मुहर है। उन्होंने कहा कि करीब 65 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने इसमें हिस्सा लिया और यह इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि आजादी के बाद जनता ने दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है और यह 60 साल के बाद आया है जो कि अपने आप में बहुत बड़ी गौरवपूर्ण घटना है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही महान विजय है। बहुत ही भव्य विजय है। और तब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। हमें तीसरी बार मौका दिया है... दो बार सरकार चलाने का अनुभव हमारे साथ जुड़ा है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर के रहेंगे। इस संकल्प के साथ हम इस नए कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत निर्माण, विकसित भारत 2047 तक का लक्ष्य, ये सारे सपने लेकर के, ये सारे संकल्प लेकर के आज 18वीं लोकसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है।''
9 पूर्णता की गारंटी देता है, वह प्रतीक अंक है
18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की अच्छी खासी संख्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित लोगों को पता है कि हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। उन्होंने गीता के 18 अध्याय, पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 होने का जिक्र किया और कहा कि इसका मूलांक नौ है और नौ पूर्णता की गारंटी देता है। उन्होंने कहा, ‘‘नौ पूर्णता का प्रतीक अंक है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है।
18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की, इस लोकसभा का गठन, वो भी एक शुभ संकेत है। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया। इसके पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा। संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित है।