बांग्लादेश HC में सभी भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका दायर

Edited By Tanuja,Updated: 03 Dec, 2024 02:59 PM

petition filed in bangladesh seeking ban on indian tv channels

बांग्लादेश उच्च न्यायालय (Bangladesh High Court) में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें भड़काऊ समाचारों के प्रसारण का हवाला देते हुए देश

Dhaka: बांग्लादेश उच्च न्यायालय (Bangladesh High Court) में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें भड़काऊ समाचारों के प्रसारण का हवाला देते हुए देश में सभी भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।  ‘ढाका ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार, वकील इखलास उद्दीन भुइयां ने इस संबंध में याचिका दायर की है और सोमवार को उन्होंने इसकी पुष्टि की। भुइयां ने बताया कि न्यायमूर्ति फातिमा नजीब और न्यायमूर्ति सिकदर महमूदुर रजी की पीठ इस मामले में सुनवाई कर सकती है।

 

खबर में कहा गया कि ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क ऑपरेशन एक्ट 2006' की धारा 29 के तहत बांग्लादेश में सभी भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई है। खबर में बताया गया कि ‘स्टार जलसा', ‘स्टार प्लस', ‘जी बांग्ला', ‘रिपब्लिक बांग्ला' और अन्य सभी भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है। इसके अनुसार याचिका में आरोप लगाया गया कि भारतीय चैनलों पर भड़काऊ खबरों का प्रसारण किया जा रहा है और बांग्लादेशी संस्कृति का विरोध करने वाली सामग्री के अनियंत्रित प्रसारण से युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। इसमें दावा किया गया कि ये चैनल किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

 

याचिका में सूचना मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सचिव, बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) और अन्य को याचिका में पक्षकार बनाया गया है। अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है। भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक विवाद तब शुरू हुआ जब इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) के पूर्व सदस्य एवं आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका में गिरफ्तार किया गया। दास को देशद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया और बाद में एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद राजधानी ढाका और चटगांव सहित विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।  

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