Edited By Rahul Singh,Updated: 31 Dec, 2024 03:58 PM
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे की "केरल को मिनी पाकिस्तान" कहने वाली टिप्पणी पर सियासी माहौल गरमा गया है।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे की "केरल को मिनी पाकिस्तान" कहने वाली टिप्पणी पर सियासी माहौल गरमा गया है। यह बयान न केवल राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा कर रहा है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर भी सवाल खड़े कर रहा है।
क्या कहा नितेश राणे ने?
महाराष्ट्र के मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे ने पुणे में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "केरल छोटा पाकिस्तान है और इसी वजह से राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वहां से चुने गए। सभी आतंकवादी उन्हें वोट देते हैं।" राणे के इस बयान ने विपक्षी दलों और केरल सरकार को भड़कने का मौका दे दिया।
पिनाराई विजयन की प्रतिक्रिया
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस बयान को "बेहद दुर्भावनापूर्ण" और "पूरी तरह से निंदनीय" बताया। उन्होंने कहा कि "यह टिप्पणी संघ परिवार के केरल विरोधी नफरत भरे अभियानों को दर्शाती है। यह राज्य की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है। मंत्री को उनके पद से तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।" विजयन ने बीजेपी नेतृत्व की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह संविधान का अपमान है।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने नितेश राणे के बयान की कड़ी निंदा की। पार्टी के प्रवक्ता के सी वेणुगोपाल ने कहा, "यह बयान केरल की धर्मनिरपेक्ष मानसिकता को ठेस पहुंचाने वाला है। हम राजनीतिक और कानूनी रूप से इस बयान के खिलाफ लड़ेंगे। नितेश राणे को मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।" कांग्रेस ने साथ ही माकपा पर भी निशाना साधा, आरोप लगाया कि उसने अपने बयानों और रुख से बीजेपी को इस तरह के सांप्रदायिक जहर उगलने का मौका दिया।
भाजपा और माकपा के आरोप-प्रत्यारोप
इस बयान के बाद बीजेपी और माकपा के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया। माकपा नेताओं ने पहले भी वायनाड में राहुल और प्रियंका गांधी की जीत को सांप्रदायिक गठजोड़ का नतीजा बताया था। माकपा नेता ए विजयराघवन ने वायनाड के चुनावी परिणामों को "सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन" का परिणाम बताया था।
नितेश राणे का स्पष्टीकरण
बढ़ते विवाद के बीच नितेश राणे ने सफाई दी कि "केरल भारत का अभिन्न अंग है। लेकिन हिंदुओं की घटती आबादी और धर्मांतरण की घटनाएं चिंता का विषय हैं। मैंने सांप्रदायिक आधार पर यह टिप्पणी नहीं की है।"
राजनीतिक दलों की एकजुटता का आह्वान
विजयन ने सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से इस तरह के बयानबाजी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। कांग्रेस ने इस बयान को सिर्फ केरल नहीं, बल्कि पूरे भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ बताया।