Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Oct, 2024 10:52 AM
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से 4 शव बरामद होने पर सनसनी फैल गई । बता देंकि यह शव 1968 में हुए एक विमान दुर्घटना में शहीद हुए जवानों के हैं। यह दुर्घटना एंटोनोव-12 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के क्रैश होने के कारण हुई थी, जिसकी वजह खराब मौसम...
नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से 4 शव बरामद होने पर सनसनी फैल गई । बता देंकि यह शव 1968 में हुए एक विमान दुर्घटना में शहीद हुए जवानों के हैं। यह दुर्घटना एंटोनोव-12 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के क्रैश होने के कारण हुई थी, जिसकी वजह खराब मौसम बताई गई थी। पिछले 56 सालों से जारी इस सर्च ऑपरेशन में यह अब तक के शवों की खोज का सबसे लंबा अभियान है।
56 साल पहले का हादसा
7 फरवरी 1968 को AN-12 मिलिट्री एयरक्राफ्ट ने 102 जवानों के साथ चंडीगढ़ से उड़ान भरी थी। खराब मौसम के कारण विमान रोहतांग ला के पास क्रैश हो गया था। बर्फ से ढका यह क्षेत्र बेहद कठिनाई भरा है, जिससे शवों की तलाश में बाधाएं आई हैं।
मलबे की खोज
2003 में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के माउंटेनियर्स ने मलबे की खोज की थी। इसके बाद से सेना ने इस स्थान पर कई सर्च ऑपरेशन चलाए, जिनमें 2005, 2006, 2013 और 2019 शामिल हैं। 2019 में भी 5 शव बरामद हुए थे।
डोगरा स्काउट्स ने तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के सहयोग से रोहतांग ला में चंद्रभागा एक्सपीडिशन शुरू किया है। प्राप्त शवों में से 3 की पहचान मेसे एक आर्मी मेडिकल कॉर्प के सिपाही नारायण सिंह, पाययनीर कॉर्प के सिपाही मलखान सिंह, और थॉमस चरण। चौथे शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, क्योंकि उसके दस्तावेजों पर लिखी जानकारी मिट चुकी है।
सर्च ऑपरेशन
आर्मी ऑफिसर के अनुसार, चंद्रभागा एक्सपीडिशन 10 अक्टूबर तक चलेगा। 1968 में शहीद हुए जवानों के परिजन कई वर्षों से उनके लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और इस सर्च ऑपरेशन से उन्हें सांत्वना मिलने की उम्मीद है। इस दौरान अन्य शवों की खोज की संभावना भी बनी हुई है।