Edited By Parminder Kaur,Updated: 27 Dec, 2024 11:31 AM
पंजाब सरकार ने प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में नए साल की शुरुआत में 260 खेल नर्सरियों का उद्घाटन किया जाएगा, जो युवाओं को खेलों के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेंगी। इन नर्सरियों का उद्देश्य खिलाड़ियों को...
नेशनल डेस्क. पंजाब सरकार ने प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में नए साल की शुरुआत में 260 खेल नर्सरियों का उद्घाटन किया जाएगा, जो युवाओं को खेलों के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेंगी। इन नर्सरियों का उद्देश्य खिलाड़ियों को कोचिंग, खेल किट और रिफ्रेशमेंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन नर्सरियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा, ताकि हर जगह के युवा खिलाड़ियों को आसानी से ट्रेनिंग मिल सके।
इस प्रोजेक्ट के तहत 200 साधिका सरिया भी स्थापित किए जाएंगे। ये सरिया खिलाड़ियों को नियमित रूप से खेल की प्रैक्टिस और ट्रेनिंग के लिए तैयार करेंगे। इसके अलावा कोच और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, ताकि खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग मिल सके। इन नर्सरियों में 28 तरह के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इससे पहले पंजाब सरकार ने एक नई खेल नीति लागू की थी, जिसका उद्देश्य राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। इस नीति के तहत प्रदेश के खिलाड़ियों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे। खासकर उन खिलाड़ियों को जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतते हैं।
पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक में पंजाब के खिलाड़ियों का योगदान
पिछले पेरिस ओलिंपिक में भारत की टीम में 100 खिलाड़ी शामिल थे, जिनमें से 19 खिलाड़ी अकेले पंजाब से थे। इनमें 10 खिलाड़ी हॉकी, 6 शूटिंग, 2 एथलेटिक्स और 1 गोल्फ खिलाड़ी थे। इसके अलावा पेरिस पैरालिंपिक में 3 पंजाबी खिलाड़ी शामिल हुए थे, जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर था।
22 खिलाड़ियों को 3.30 करोड़ की सहायता
नई खेल नीति के तहत पंजाब सरकार ने 22 खिलाड़ियों को 15 लाख रुपये प्रति खिलाड़ी की राशि प्रदान की है, जिसका कुल मिलाकर 3.30 करोड़ रुपये हुआ। यह राशि खिलाड़ियों को उनकी मेहनत और उपलब्धियों के लिए पुरस्कार स्वरूप दी गई है, ताकि वे अपनी ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धाओं में और बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इस कदम से पंजाब सरकार की यह कोशिश है कि राज्य में खेलों को बढ़ावा मिले और अधिक युवा खेलों में अपना करियर बनाएं।