Edited By Rahul Rana,Updated: 29 Mar, 2025 04:39 PM

भारत सरकार की परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) ऑटो योजना भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसे प्रमुख भूमिका निभाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना भारतीय ऑटो उद्योग को आयातों पर निर्भरता कम करने...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार की परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) ऑटो योजना भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसे प्रमुख भूमिका निभाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना भारतीय ऑटो उद्योग को आयातों पर निर्भरता कम करने में मदद कर रही है और घरेलू निर्माण क्षमता को बढ़ा रही है।
भारत की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम
15 सितंबर 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें 25,938 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इस योजना का लक्ष्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (AAT) उत्पादों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना और उत्पादन लागत में आने वाली समस्याओं को दूर करना है। इसके लिए उद्योग को नए निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि अधिक रोजगार सृजित किए जा सकें।
स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम
पीएलआई योजना के अंतर्गत 19 प्रकार के एएटी वाहनों और 103 एएटी घटकों को कवर किया गया है। यह सूची 9 नवंबर 2021 को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी, जिसमें विभिन्न हितधारकों से परामर्श के बाद निर्णय लिया गया था। यह कदम भारत में उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों के स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए है।
नई योजना से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान
इस योजना का उद्देश्य केवल स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाना नहीं है, बल्कि नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना और भारतीय ऑटो उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। पीएलआई योजना भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ ऑटोमोटिव उद्योग को एक नई दिशा दे रही है, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगी।