Edited By Parminder Kaur,Updated: 23 Mar, 2025 04:52 PM

सुल्तानपुर लोधी पंजाब में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में गुरु नानक देव जी द्वारा लगभग 500 साल पहले लगाई गई बेरी का पेड़ एक बार फिर फलों से लद गया है। इस पेड़ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है और इसके नाम पर ही गुरुद्वारे का नाम रखा गया...
नेशनल डेस्क. सुल्तानपुर लोधी पंजाब में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में गुरु नानक देव जी द्वारा लगभग 500 साल पहले लगाई गई बेरी का पेड़ एक बार फिर फलों से लद गया है। इस पेड़ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है और इसके नाम पर ही गुरुद्वारे का नाम रखा गया है।
ऐतिहासिक महत्व
मान्यता है कि गुरु नानक देव जी ने स्नान करते समय अपनी दातुन को जमीन में गाड़ दिया था, जो बाद में इस बेरी के पेड़ के रूप में विकसित हुई। यह पेड़ गुरु नानक देव जी के जीवनकाल से जुड़ा हुआ है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
वर्तमान स्थिति और देखभाल

पिछले कुछ वर्षों में पेड़ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना (पीएयू) को इसकी देखभाल का जिम्मा सौंपा। पीएयू के वैज्ञानिकों की एक समर्पित टीम पिछले 10-12 वर्षों से पेड़ की देखभाल कर रही है। उनकी मेहनत के कारण पेड़ को पुनर्जीवित किया गया है और अब यह फलों से लदा हुआ है। वैज्ञानिक वर्ष में 4-5 बार पेड़ का निरीक्षण और देखभाल करते हैं। पेड़ पर किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं किया गया है और इसकी देखभाल प्राकृतिक तरीकों से की जाती है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि पेड़ से निकलने वाला लाल पदार्थ खून नहीं है, बल्कि लाख कीट का स्राव है, जो पेड़ पर पाया जाता है।
वैज्ञानिकों के सुझाव
वैज्ञानिकों ने संगत से पेड़ को छूने से बचने का आग्रह किया है, क्योंकि प्रसाद लगे हाथों से पेड़ को नुकसान हो सकता है। उन्होंने पेड़ की जड़ों को धूप से बचाने और नियमित रूप से पानी देने का सुझाव दिया है।