Edited By Harman Kaur,Updated: 02 Oct, 2024 11:28 AM
केंद्र सरकार ने पीएम इंटर्नशिप योजना (PM Internship Scheme) के तहत कल यानी 3 अक्टूबर से एक नया केंद्रीकृत पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी की है, जिसके जरिए कंपनियों को आवेदन आमंत्रित किया जाएगा। चाहवान इंटर्न 12 अक्टूबर से इस पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे।
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने पीएम इंटर्नशिप योजना (PM Internship Scheme) के तहत कल यानी 3 अक्टूबर से एक नया केंद्रीकृत पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी की है, जिसके जरिए कंपनियों को आवेदन आमंत्रित किया जाएगा। चाहवान इंटर्न 12 अक्टूबर से इस पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, यह पोर्टल हर पद के लिए उपलब्ध रिक्तियों की दोगुनी संख्या में आवेदकों को ऑटोमैटिक तरीके से छांटेगा। उम्मीदवारों का चयन उनके प्रोफाइल, पसंद और पात्रता के आधार पर किया जाएगा। इसके बाद, भाग लेने वाली कंपनियां शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदनों में से उम्मीदवारों का चयन करेंगी।
इंटर्नशिप के लिए पात्रता
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने भागीदार कंपनियों को उम्मीदवारों की पात्रता के दिशा-निर्देश भी भेजे हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवेदकों को माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है और उनकी उम्र 21 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवार के परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी करने वाला या आयकर देने वाला नहीं होना चाहिए। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को वास्तविक कार्य अनुभव प्रदान करना और उनकी कौशल में सुधार करना है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि 12 महीने की इंटर्नशिप का कम से कम आधा समय कक्षा-आधारित प्रशिक्षण के बजाय 'वास्तविक कार्य अनुभव' के लिए समर्पित होना चाहिए।
5,000 रुपए मासिक स्टाइपेंड
मंत्रालय ने हर इंटर्न को 5,000 रुपए प्रति माह का स्टाइपेंड देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें से 4,500 रुपए सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से और 500 रुपए कंपनियों द्वारा अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) कोष से दिए जाएंगे।
हर इंटर्न को मिलेगा 6,000
बता दें कि यह योजना युवाओं को कॉर्पोरेट क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के जरिए नौकरी पाने में मदद करेगी। कई बड़ी कंपनियों ने इस योजना में रुचि दिखाई है और वे युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, हर इंटर्न को 6,000 रुपए का एक बार का भुगतान भी मिलेगा। इस इंटर्नशिप के दौरान ट्रेनिंग के खर्च को कंपनियां उठाएंगी, लेकिन रहने और खाने का खर्च युवाओं को खुद उठाना होगा। सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि से यह खर्च पूरा किया जा सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कंपनियों और युवाओं के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करना है, ताकि युवाओं को आसानी से नौकरी मिल सके और कंपनियों को अच्छे स्किल वाले कर्मचारी मिलें।