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रूस-यूक्रेन से लेकर बांग्लादेश और चीन तक : PM मोदी और ट्रंप ने दिए बड़े संकेत, दुनिया में हलचलें तेज

Edited By Pardeep,Updated: 14 Feb, 2025 06:34 AM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की सराहना करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने के साथ ही वैश्विक मुद्दों पर अपने...

इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की सराहना करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने के साथ ही वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। इन मुद्दों में रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन, बांग्लादेश और भारत-अमेरिका व्यापार से संबंधित कई अहम बिंदु शामिल थे। इस मुलाकात ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ किया है और यह संकेत दिया है कि इन दोनों देशों का साथ दुनिया के लिए एक नया विश्व व्यवस्था स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकता है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी और ट्रंप का बयान 
प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में न्यूट्रल नहीं है, बल्कि भारत का पक्ष शांति है। उन्होंने कहा, "मैंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं, बल्कि शांति का है। शांति केवल युद्ध के मैदान से नहीं, बल्कि संवाद से संभव है।" प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की कोशिश के लिए पुतिन से संपर्क किया है, और भारत हमेशा शांति की ओर अग्रसर रहेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मैंने पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों से बात की है। यह खूनी जंग अब बंद होनी चाहिए। मैं इसे जल्द खत्म करना चाहता हूं।" ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भी युद्ध के अंत के लिए समाधान चाहता है और शांति बहाली की दिशा में प्रयासरत है। 

चीन पर ट्रंप का रुख 
चीन से जुड़ा एक सवाल जब ट्रंप से पूछा गया, तो उन्होंने अपनी रणनीति को स्पष्ट करते हुए कहा, "हम किसी को भी हरा सकते हैं, हम सिर्फ काम पर ध्यान देते हैं। पिछले चार साल में हम अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन अब एक खराब प्रशासन आ गया है। हम अपने अच्छे काम को फिर से शुरू करेंगे और मजबूत बनेंगे।" यह बयान चीन के खिलाफ अमेरिका के सख्त रुख को और स्पष्ट करता है। 

बांग्लादेश पर ट्रंप का रुख 
बांग्लादेश के मुद्दे पर जब ट्रंप से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने जवाब देने की जिम्मेदारी पीएम मोदी पर छोड़ दी। ट्रंप ने कहा, "मैं बांग्लादेश के मुद्दे को पीएम मोदी पर छोड़ता हूं।" इससे यह संकेत मिलता है कि भारत-बांग्लादेश के संबंधों में अमेरिका की भूमिका सीमित है और वह भारत की प्राथमिकता का सम्मान करता है। 

क्वाड पर चर्चा 
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर 'क्वाड' (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) को और मजबूत करेंगे। क्वाड, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं, एक महत्वपूर्ण रणनीतिक गठबंधन है जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और इस दौरान भारत अपने साझेदार देशों के साथ नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएगा। 

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर बड़ी घोषणा 
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटा लगभग 100 बिलियन डॉलर का है और प्रधानमंत्री मोदी और उन्होंने इस पर सहमति व्यक्त की कि दोनों देश लंबे समय से चल रही असमानताओं को दूर करने के लिए बातचीत करेंगे। ट्रंप ने कहा, "हम एक समान व्यापार व्यवस्था चाहते हैं और मोदी ने हाल ही में भारत के टैरिफ में कटौती की घोषणा की है, जो एक सकारात्मक कदम है।" 

2030 तक व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य 
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान बताया कि भारत और अमेरिका मिलकर 2030 तक अपने व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय कर चुके हैं। मोदी ने इसे "MEGA प्लस MIGA" (मेक इंडिया ग्रेट अगेन) करार देते हुए कहा कि जब अमेरिका और भारत एक साथ काम करते हैं, तो यह "समृद्धि के लिए मेगा साझेदारी" बन जाती है। 

अवैध प्रवासन और मानव तस्करी पर बात 
प्रधानमंत्री मोदी ने अवैध आप्रवासन पर कहा कि जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका ने इस मुद्दे पर सहमति जताई है कि अगर भारतीय नागरिक अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने मानव तस्करी के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए और कहा, "यह एक गंभीर समस्या है, और हमें इस तंत्र को खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करना चाहिए।" 

भारत के वाणिज्य दूतावासों का विस्तार 
पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत जल्द ही लॉस एंजिल्स और बोस्टन में अपने वाणिज्य दूतावास खोलने जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, भारत ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों को भारत में ऑफशोर कैंपस खोलने का भी निमंत्रण दिया है। 

इंडो-पैसिफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि 
प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि भारत और अमेरिका मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम करेंगे, और इस दिशा में क्वाड की अहम भूमिका होगी। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के रिश्तों को एक नई दिशा देती है, और दोनों देशों के बीच सहयोग, व्यापार, सुरक्षा और शांति के मामलों में महत्वपूर्ण प्रगति की संभावना जताती है।

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