Edited By Harman Kaur,Updated: 14 Feb, 2025 02:48 PM
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भारत और अमेरिका ने इस साल तक पारस्परिक रूप से लाभकारी महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही दोनों देशों ने 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित...
नेशनल डेस्क: भारत और अमेरिका ने इस साल तक पारस्परिक रूप से लाभकारी महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही दोनों देशों ने 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साथ ही आगाह किया कि भारत पर जवाबी शुल्क लगाने से अमेरिका परहेज नहीं करेगा।
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Donald Trump ने बृहस्पतिवाार को (भारतीय समयानुसार शुक्रवार को) व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की। इस दौरान दोनों नेताओं ने शुल्क से संबंधित मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा की। यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों पर जवाबी शुल्क लगाने की नीति की घोषणा किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई। ट्रंप और मोदी ने प्रमुख क्षेत्रों में समग्र संबंधों को व्यापक बनाने के लिए ‘21वीं सदी के लिए यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट' (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य तथा प्रौद्योगिकी के लिए अवसर उत्पन्न करने) नामक एक नई पहल की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य सहयोग के प्रमुख स्तंभों में परिवर्तनकारी बदलाव लाना है।
PM मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने घोषणा की कि वह और मोदी एक समझौते पर सहमत हुए हैं, जिससे भारत को अमेरिका से अधिक तेल व गैस आयात करने में सुविधा होगी। इससे भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा कम होगा। ट्रंप ने पत्रकारों के साथ बातचीत में भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क को ‘‘बहुत अनुचित'' और ‘‘कड़ा'' बताया। भारत और अमेरिका के बीच पिछले साल द्विपक्षीय व्यापार करीब 130 अरब डॉलर था और भारत का व्यापार घाटा फिलहाल करीब 45 अरब डॉलर है। मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। हमारी टीम पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करने के लिए काम करेंगी।''
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उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल तथा गैस व्यापार को मजबूत करेंगे। ऊर्जा अवसंरचना में निवेश भी बढ़ाया जाएगा।'' अधिकारियों के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए आपसी प्रतिबद्धता जाहिर की। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बाजार पहुंच के संबंध में दोनों पक्षों की चिंताओं और भारत तथा अमेरिका जैसे देशों में खपत का लाभ उठाने वाली अधिक क्षमता वाले ‘‘अन्य क्षेत्रों'' से उत्पन्न चिंताओं पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने समग्र परिप्रेक्ष्य में इन मुद्दों के समाधान के तरीकों तथा साधनों पर चर्चा की और अधिकारियों को इन चिंताओं के समाधान के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर मिलकर काम करने का निर्देश दिया। संयुक्त बयान के अनुसार, मोदी और ट्रंप ने निष्पक्षता, राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार सृजन सुनिश्चित करने वाली वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया। इसमें कहा गया, ‘‘ इस उद्देश्य से, नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक साहसिक नया लक्ष्य ‘मिशन 500' - जिसका लक्ष्य 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है...निर्धारित किया।''
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बयान के अनुसार, इस बात को स्वीकार करते हुए कि इस स्तर की महत्वाकांक्षा के लिए नई और निष्पक्ष व्यापार शर्तों की आवश्यकता होगी...दोनों नेताओं ने 2025 के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पहले चरण की बातचीत पूरी करने की योजना की घोषणा की। इसमें कहा गया कि मोदी और ट्रंप वार्ता को आगे बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ प्रतिनिधियों को नामित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि व्यापार संबंध पूरी तरह से सीओएमपीएसीटी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करें।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने भारत को औद्योगिक वस्तुओं के अमेरिकी निर्यात तथा अमेरिका को श्रम-प्रधान निर्मित उत्पादों के भारतीय निर्यात को बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए सहयोग करने का भी संकल्प किया। दोनों पक्ष कृषि वस्तुओं के व्यापार को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए। मोदी और ट्रंप ने अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के लिए एक-दूसरे के देशों में उच्च मूल्य वाले उद्योगों में निवेश के अवसर उत्पन्न करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। नेताओं ने भारतीय कंपनियों के करीब 7.35 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के जारी निवेश का स्वागत किया।