भारत-फ्रांस के बीच दो बड़े रक्षा सौदे अंतिम चरण में, PM मोदी फरवरी में जाएंगे पेरिस

Edited By Tanuja,Updated: 06 Jan, 2025 02:35 PM

pm modi expected to visit paris deals to buy rafale fighter jets

भारत और फ्रांस के बीच दो बड़े रक्षा सौदे अब अंतिम चरण में हैं, जिनकी कुल कीमत $10 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। ये सौदे भारतीय रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते...

International Desk: भारत और फ्रांस के बीच दो बड़े रक्षा सौदे अब अंतिम चरण में हैं, जिनकी कुल कीमत $10 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। ये सौदे भारतीय रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं, जिनमें राफेल-एम लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बियां शामिल हैं। इन सौदों को भारतीय कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के पास अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा और वे अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए तैयार होंगे। इन सौदों में पहला बड़ा सौदा 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद का है, जिन्हें भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए खरीदा जाएगा। राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना ने पहले ही अपने बेड़े में शामिल किया है, और अब ये नौसेना के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इन विमानों को भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रमादित्य और भविष्य के आईएनएस विक्रांत के साथ जोड़ा जाएगा।

 

राफेल-एम लड़ाकू विमान अत्यधिक उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस हैं, जो भारतीय नौसेना की वायु शक्ति को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। इन विमानों में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, राडार और युद्ध क्षमता है, जो समुद्री रक्षा को सुदृढ़ करने में मदद करेगी। भारत के पास पहले से ही राफेल विमानों का एक बड़ा बेड़ा है, और अब नौसेना के लिए इन विमानों का विस्तार भारतीय समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा। दूसरा बड़ा सौदा तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बियों की खरीद का है। स्कॉर्पीन पनडुब्बियां अत्याधुनिक और अत्यधिक उन्नत पनडुब्बियां हैं, जो भारतीय नौसेना के समुद्री रक्षा तंत्र को और मजबूत करेंगी। भारतीय नौसेना के पास पहले से ही इस क्लास की कुछ पनडुब्बियां हैं, और अब तीन और पनडुब्बियों के शामिल होने से भारतीय समुद्रों में सुरक्षा की स्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

 

इन पनडुब्बियों का उपयोग दुश्मन के पनडुब्बियों को ट्रैक करने और नष्ट करने, समुद्र के भीतर शत्रु की गतिविधियों पर निगरानी रखने और भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के लिए किया जाएगा। स्कॉर्पीन पनडुब्बियां अत्यधिक चुप्प और उन्नत तकनीकी क्षमताओं से लैस होती हैं, जो उन्हें समुद्र में किसी भी दुश्मन से बचने में सक्षम बनाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2025 में पेरिस यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट में भाग लेंगे। इस समिट में भारत और फ्रांस के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, भारत और फ्रांस के रक्षा सहयोग पर भी महत्वपूर्ण विचार विमर्श होगा, और इन दो बड़े रक्षा सौदों को इस यात्रा के दौरान अंतिम रूप से अनुमोदित किया जा सकता है।

 

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान ये सौदे फ्रांस के साथ भारतीय रक्षा तंत्र को और भी मजबूत करने में मदद करेंगे। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा है, और अब यह नई पनडुब्बियों और विमानों के सौदों के साथ एक नया मोड़ लेने जा रहा है। भारत और फ्रांस के बीच इन सौदों की रणनीतिक अहमियत भी बहुत अधिक है। यह सौदे भारत की रक्षा क्षमता को केवल बढ़ाएंगे ही नहीं, बल्कि फ्रांस के साथ एक दीर्घकालिक सामरिक साझेदारी को भी मजबूत करेंगे। फ्रांस ने हमेशा भारत के रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का समर्थन किया है, और ये सौदे इस साझेदारी को एक नई दिशा देंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इन सौदों को जल्दी ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के पास पेश किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह सौदा प्रधानमंत्री मोदी की पेरिस यात्रा से पहले या यात्रा के दौरान अनुमोदित हो सकता है। इससे न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र को अत्याधुनिक उपकरण मिलेंगे, बल्कि यह सौदे भारत-फ्रांस संबंधों को और मजबूत करेंगे, जो भविष्य में वैश्विक रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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