Edited By Rahul Rana,Updated: 02 Dec, 2024 11:08 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन अपराधों का सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर गंभीर असर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री ने यह बयान ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित डायरेक्टर...
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन अपराधों का सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर गंभीर असर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री ने यह बयान ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस/इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के 59वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया।
साइबर अपराध और डिजिटल धोखाधड़ी पर चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में कहा कि साइबर अपराध, डिजिटल अरेस्ट और डीपफेक जैसे अपराधों से समाज और परिवार के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इन समस्याओं से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियां विकसित करने की सलाह दी।
पुलिस व्यवस्था में तकनीकी सुधार और पुलिसकर्मियों के लिए सलाह
प्रधानमंत्री ने पुलिस के कामकाज में तकनीक का अधिक उपयोग करने पर जोर दिया और पुलिस कॉन्सटेबल पर काम का बोझ कम करने की बात की। उन्होंने कहा कि पुलिस थाने संसाधनों के आवंटन का केंद्र बिंदु होने चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पुलिस के कामकाज को स्मार्ट और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा
सम्मेलन में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा और नार्को-तस्करी जैसी राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश और म्यांमार सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओं और शहरी पुलिसिंग पर भी चर्चा की।
AI और स्मार्ट पुलिस व्यवस्था की सलाह
प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से उत्पन्न होने वाली खतरों के प्रति पुलिस को सचेत किया और कहा कि इसे एक अवसर के रूप में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट पुलिस व्यवस्था बनाने पर जोर दिया, जिसे 2014 में गुवाहाटी सम्मेलन में पेश किया गया था। इसके तहत पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और मोबाइल, सतर्क और जवाबदेह और प्रशिक्षित बनाना चाहिए।
राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने पुलिस कार्यकुशलता में सुधार के लिए राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से पुलिस के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने बंदरगाह सुरक्षा को लेकर भविष्य की कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
दिल्ली से बाहर आयोजित हो रहा सम्मेलन
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन दिल्ली से बाहर करने का फैसला 2014 में उनकी सरकार ने लिया था। अब हर साल इस सम्मेलन को दिल्ली से बाहर विभिन्न शहरों में आयोजित किया जाता है। इस साल का सम्मेलन भुवनेश्वर में आयोजित हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन गुवाहाटी (2014), कच्छ (2015), केवड़िया (2018), पुणे (2019), लखनऊ (2021), दिल्ली (2023) और अब भुवनेश्वर में आयोजित हो चुका है।
सम्मेलन में कौन-कौन शामिल हुआ
तीन दिवसीय इस सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के लगभग 250 अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा, 750 से अधिक अधिकारी वर्चुअली सम्मेलन में जुड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट पुलिस व्यवस्था जैसी मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने पुलिस के कामकाज में तकनीकी सुधार और हर शहर में स्मार्ट पुलिस व्यवस्था के निर्माण की जरूरत को महसूस किया। पुलिस अधिकारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर था जिसमें उन्होंने पुलिस प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाने के तरीके पर विचार किया।