Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Jan, 2025 03:19 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार एक को एक पॉडकास्ट में अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात की। ज़ीरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके जीवन का एक अहम मंत्र है, "कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत न...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार एक को एक पॉडकास्ट में अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात की। ज़ीरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके जीवन का एक अहम मंत्र है, "कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत न करें।" उन्होंने यह भी बताया कि हर व्यक्ति से गलतियाँ होती हैं, लेकिन किसी भी काम को गलत इरादों से करना किसी भी हालत में ठीक नहीं होता।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने खुद से वादा किया था कि वे कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटेंगे और अपने लिए कुछ नहीं करेंगे। उनका यह संकल्प था कि वे कभी भी बुरे इरादे से किसी भी गलत काम को अंजाम नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि "मैं इंसान हूँ, कोई भगवान नहीं, और गलती करना इंसान की फितरत है, लेकिन किसी भी काम में बुरे इरादे से कमी नहीं आनी चाहिए।"
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पीएम नेआदर्शवाद और विचारधारा का महत्व बताया
प्रधानमंत्री ने इस दौरान आदर्शवाद और विचारधारा की अहमियत पर भी बात की। उन्होंने कहा कि विचारधारा के बिना राजनीति संभव नहीं है, लेकिन आदर्शवाद उससे कहीं ज्यादा जरूरी है। उनका उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी जी और सावरकर के रास्ते अलग थे, लेकिन उनकी विचारधारा एक थी - 'स्वतंत्रता'।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी अपनी विचारधारा हमेशा से 'राष्ट्र पहले' रही है। उन्होंने कहा, "मैं कभी भी अपनी विचारधारा को बदलने वाला नहीं हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि राष्ट्र पहले आना चाहिए।" मोदी ने यह भी कहा कि कोई भी नीति या योजना अगर राष्ट्र के भले के लिए है, तो उसे अपनाना चाहिए, भले ही वह पुरानी हो या नई।
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मुसीबतों से मिली शिक्षा पर खुलकर बोले
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन के संघर्षों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन परिस्थितियों ने बनाया है और उनकी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी 'मुसीबतों की यूनिवर्सिटी' रही है। बचपन में, उन्होंने अपने राज्य में माताओं और बहनों को सिर पर घड़ा लेकर 2-3 किलोमीटर पैदल चलते देखा है। मोदी ने कहा कि यही जीवन की सच्चाई है और इन अनुभवों ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया।
लोगों के सपनों को साकार करने की कोशिश करेंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी योजनाएं और नीतियाँ लोगों के सपनों को साकार करने के लिए हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत की और हमेशा यह सुनिश्चित किया कि उनकी योजनाओं से आम नागरिकों को लाभ मिले।