Edited By Mahima,Updated: 03 Jan, 2025 03:19 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन कैंपस - पूर्वी, पश्चिमी और वीर सावरकर कॉलेज की नींव रखी। इन परियोजनाओं से दिल्ली विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही, सीबीएसई के नए कार्यालय...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंतर्गत तीन नई और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में एक अहम कदम है। इन परियोजनाओं में सूरजमल विहार में स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी परिसर (DU East Campus), द्वारका में स्थित पश्चिमी परिसर (DU West Campus) और नजफगढ़ के रोशनपुरा में स्थापित होने वाला वीर सावरकर कॉलेज शामिल हैं। इन परियोजनाओं के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षिक बुनियादी ढांचे को और भी सशक्त और आधुनिक बनाया जाएगा, जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास समारोह में हिस्सा लिया, जो कि एक ऐतिहासिक अवसर था। समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इस महत्वपूर्ण घटना का हिस्सा बन सकें। इन तीनों परियोजनाओं का कुल बजट लगभग 600 करोड़ रुपये है, और इनके पूरा होने से दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संसाधनों में बड़ा इजाफा होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी परिसर (DU East Campus)
सूरजमल विहार में बनने वाला दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी परिसर (East Campus) लगभग 15.25 एकड़ में फैला होगा। इसे 373 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा और यह परिसर छात्रों को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में नया मापदंड स्थापित करेगा। इस परिसर में कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए एलएलबी, एलएलएम और पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी जैसे कोर्स उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, यहां अन्य कोर्स भी चलाए जाएंगे, जो छात्रों को रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में तैयार करेंगे। पूर्वी परिसर में छात्रों की सुविधा के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें 60 क्लासरूम, 10 ट्यूटोरियल रूम, 6 मूट कोर्ट, 4 कंप्यूटर लैब, 2 कैफेटेरिया और 2 कॉमन रूम जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। यह परिसर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को एक बेहतर और समृद्ध शैक्षिक वातावरण प्रदान करेगा, जिसमें उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज और कोर्स-आधारित शिक्षा दोनों का लाभ मिलेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय का पश्चिमी परिसर (DU West Campus)
द्वारका के सैक्टर 22 में स्थित पश्चिमी परिसर का पहला चरण 107 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगा। यह परिसर विशेष रूप से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के लिए उच्चतम मानकों के अनुरूप सुविधाएं प्रदान करेगा। पश्चिमी परिसर में कुल 42 क्लासरूम, 2 मूट कोर्ट, डिजिटल लाइब्रेरी, सेमिनार हॉल, फैकल्टी रूम और कॉन्फ्रेंस रूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसका उद्देश्य छात्रों को एक समृद्ध शैक्षिक अनुभव प्रदान करना है, जिसमें उन्हें आधुनिक तकनीक और उपकरणों के माध्यम से अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। यह परिसर छात्रों को न केवल शैक्षिक बल्कि सामाजिक और मानसिक विकास की दिशा में भी मार्गदर्शन प्रदान करेगा। साथ ही, यह परिसर दिल्ली के पश्चिमी हिस्से के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों को बढ़ाएगा और उन्हें एक समग्र शिक्षा प्रदान करेगा, जो उन्हें भविष्य में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
वीर सावरकर कॉलेज (Veer Savarkar College)
नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण 140 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह कॉलेज विशेष रूप से क्षेत्रीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। वीर सावरकर कॉलेज में 24 क्लासरूम, 8 ट्यूटोरियल रूम, 40 फैकल्टी रूम, एक कैंटीन, डिपार्टमेंट लाइब्रेरी और कॉन्फ्रेंस रूम जैसी सुविधाएं होंगी। इस कॉलेज का उद्देश्य नजफगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे अपने करियर को बेहतर दिशा में आगे बढ़ा सकें। यह कॉलेज छात्रों के लिए शिक्षा के एक नए अवसर की तरह कार्य करेगा और क्षेत्रीय शिक्षा की जरूरतों को पूरा करेगा।
CBSE कार्यालय का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने इन शैक्षिक परियोजनाओं के शिलान्यास के अलावा, दिल्ली के द्वारका में स्थित CBSE के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया। इस पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह कार्यालय परिसर CBSE के कार्यों को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र होगा। इसमें कई ऑफिस, एक ऑडिटोरियम, उन्नत डेटा सेंटर, बड़ा वाटर मैनेजमेंट सिस्टम और अन्य सुविधाएं होंगी। यह परिसर भारतीय हरित भवन परिषद (IGBC) द्वारा प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है, जो पर्यावरण के अनुकूल होने की पुष्टि करता है। CBSE कार्यालय का यह नया परिसर न केवल कार्यालय संचालन को बेहतर बनाएगा बल्कि भारत के शैक्षिक ढांचे में एक नया मानक स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य CBSE की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है, जिससे बोर्ड परीक्षा और अन्य शैक्षिक गतिविधियों को अधिक दक्षता और पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा सके।
शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन परियोजनाओं का शिलान्यास शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह परियोजनाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत में उच्च शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का एक हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को बेहतर और आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं मिलेंगी, जो उन्हें रोजगार के अवसरों और उच्चतम शिक्षा के लिए तैयार करेंगी। यह कदम शिक्षा को बढ़ावा देने, सुधारने और छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।