Edited By Parminder Kaur,Updated: 11 Jan, 2025 02:47 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पहली बार पॉडकास्ट के जरिए अपने दिल की बात लोगों से साझा की। जीरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने अपने बचपन के दोस्तों के बारे में भी चर्चा की और अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण अनुभवों को साझा...
नेशनल डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पहली बार पॉडकास्ट के जरिए अपने दिल की बात लोगों से साझा की। जीरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने अपने बचपन के दोस्तों के बारे में भी चर्चा की और अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण अनुभवों को साझा किया।
बचपन के दोस्तों से संपर्क नहीं रहा
पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें बचपन के दोस्तों से अब कोई संपर्क नहीं है। मुझे बचपन में ही अपना घर छोड़ना पड़ा था, जिसके कारण मैं अपने स्कूली दोस्तों से संपर्क नहीं रख सका, जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने, तो उनके मन में यह ख्याल आया कि क्यों न अपने स्कूली दोस्तों को बुलाया जाए। उन्होंने ऐसा किया और 35 दोस्त आए भी, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि अब दोस्ती नहीं रही थी। मैं उन दोस्तों में अपना पुराना दोस्ती नहीं पा सका, क्योंकि वे मुझे मुख्यमंत्री के रूप में ही देख रहे थे।
अब कोई 'तू' कहने वाला नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि अब कोई उन्हें "तू" कहकर नहीं बुलाता, क्योंकि अब हर कोई उन्हें औपचारिक और सम्मानजनक तरीके से ही संबोधित करता है। उन्होंने एक टीचर रासबिहारी मणियार का भी जिक्र किया, जो हमेशा उन्हें चिट्ठियों में "तू" कहते थे। हाल ही में 94 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया और इसके बाद से कोई भी उन्हें "तू" कहने वाला नहीं बचा।
"बुरे इरादे से कुछ नहीं करूंगा"
पीएम मोदी ने अपने जीवन का मंत्र भी साझा किया। उन्होंने कहा- "मेरे जीवन का सिद्धांत है कि कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत नहीं करना चाहिए। मनुष्य से गलतियां होती हैं, लेकिन यह बुरे इरादे से नहीं होनी चाहिए। पीएम ने अपने एक पुराने भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि "जब मैं मुख्यमंत्री बना था, तो मैंने कहा था कि मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा, लेकिन मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं हूं, जो गलतियां नहीं कर सकता।"
"राष्ट्र प्रथम" की नीति
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे हमेशा "राष्ट्र प्रथम" की नीति पर विश्वास करते हैं। मैं दूसरे राजनेताओं की तरह नहीं हूं, लेकिन मुझे भी मजबूरी में चुनावी भाषण देना पड़ता है।"