Edited By Mahima,Updated: 14 Sep, 2024 11:27 AM
पेरिस पैरालिंपिक में जालंधर की बेटी पलक कोहली ने भले ही बैडमिंटन मुकाबले में पदक नहीं जीता, लेकिन उसकी संघर्ष की कहानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत प्रभावित किया। दिल्ली में प्रधानमंत्री ने पलक की दास्तान सुनी और उसकी हिम्मत और लगन की सराहना...
नेशनल डेस्क: पेरिस पैरालिंपिक में जालंधर की बेटी पलक कोहली ने भले ही बैडमिंटन मुकाबले में पदक नहीं जीता, लेकिन उसकी संघर्ष की कहानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत प्रभावित किया। दिल्ली में प्रधानमंत्री ने पलक की दास्तान सुनी और उसकी हिम्मत और लगन की सराहना की।
पलक का संघर्ष प्रेरणा वाला
टोक्यो पैरालिंपिक के बाद पलक कोहली को कैंसर हो गया था। कैंसर की स्टेज-1 से जूझने के बाद, उसने पेरिस पैरालिंपिक में जगह बनाने के लिए कठिन मेहनत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पलक, तुम्हारा संघर्ष बहुत प्रेरणादायक है। इतनी कठिनाइयों के बावजूद तुमने अपने मकसद को नहीं छोड़ा। यह बहुत बड़ी बात है। तुम बहुत सारे लोगों को प्रेरित कर सकती हो।"
खेल के प्रति लगन
पलक ने पीएम मोदी को बताया कि कैसे उसने कैंसर से लड़ाई लड़ी और खेल में वापसी की। उसने बताया कि टोक्यो पैरालिंपिक में चौथा स्थान प्राप्त करने के बाद उसे बोन ट्यूमर कैंसर हो गया था। इस कैंसर के इलाज के बाद पलक ने दो साल तक किसी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया। लेकिन उसने हार मानने के बजाय पिछले साल खेलों में वापसी की।
पलक की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
पलक ने कहा कि उसने इंटरनेशनल लेवल की ट्रेनिंग प्राप्त की और कड़ी मेहनत के बाद अपनी इंटरनेशनल रैंकिंग को दोबारा पाया। पेरिस पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई करने से पहले उसने एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भाग लिया। हालांकि वह पेरिस में मेडल जीतने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन उसने विश्व रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल किया। उसने अपने हाल के संघर्षों के बारे में बात करते हुए कहा कि बहुत सारे टूर्नामेंट उसने कोविड और अन्य समस्याओं के कारण मिस किए, लेकिन उसने फिर से अपनी जगह बनाई और अब 2028 के लिए तैयारी कर रही है। पलक का एक हाथ नहीं है, लेकिन उसने शारीरिक सीमाओं को पार करते हुए खेल में अपनी जगह बनाई है।