नैंसी पेलोसी ने दलाई लामा के बाद PM मोदी से की मुलाकात; तिलमिलाए चीन ने दी धमकी

Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2024 07:07 PM

pm modi s big message to china meets top us lawmakers

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने आए एक अमेरिकी डेलीगेशन से मिले। इस दौरान PM मोदी ने पूर्व....

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका की पूर्व हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी तिब्बत में धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने के बाद  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकाच की। इससे पहले गुरुवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा  अमेरिकी डेलीगेशन से मिले।   PM मोदी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के बीच इस मुलाकात के कई मायने  समझे जा रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने भारत में आकर तिब्बत के समर्थन में आवाज उठाई   है। हालांकि नैंसी इससे पहले मई 2017 में भी दलाई लामा से मिलने भारत आई थीं।  ब नैंसी पेलोसी किसी डेलीगेशन के साथ भारत दौरे पर नहीं आई थीं। बता दें  कि भारत, तिब्बत को चीन का हिस्सा मानता है और इसे लेकर टिप्पणी करने से परहेज करता रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का ये दौरा आधिकारिक है या नहीं इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

PunjabKesari

 बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अमेरिका, चीन को दलाई लामा के ‘उत्तराधिकार’ मामले में हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देगा। दरअसल, चीन तिब्बती धर्मगुरु के सर्वोच्च पद पर अपने ‘दलाई लामा’ को बैठाना चाहता है। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधिनंडल ने धर्मशाला में धर्मगुरु लगाई लामा से मुलाकात की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में नैंसी पेलोसी के अलावा सांसद माइकल मैकॉल समेत 5 अन्य सांसद हैं। ये सांसद रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही पार्टियों से हैं। इस डेलीगेशन का नेतृत्व रिपब्लिकन सांसद माइकल मैकॉल कर रहे हैं। माइकल मैकॉल ने कहा कि इस सप्ताह उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने एक लेटर लिखा था जिसमें हमें यहां न आने की धमकी दी गई थी। लेकिन हमें उनकी धमकियों की परवाह नहीं है। अमेरिका, तिब्बत को हमेशा की तरह एक शक्तिशाली ताकत बने रहने में मदद करेगा।

PunjabKesari
डेलीगेशन ने कहा कि वे दलाई लामा और चीनी सरकार के बीच बातीचत का अवसर तलाश रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि तिब्बत और चीन के बीच एक शांतिपूर्ण समाधान निकलेगा। अमेरिका में 12 जून को तिब्बत से जुड़ा एक बिल ‘द रिजोल्व तिब्बत एक्ट’ पास किया गया था। इस पर फिलहाल जो बाइडेन के दस्तखत होने बाकी हैं। इस एक्ट तिब्बत का समर्थन करता है और चीन और दलाई लामा के बीच बिना किसी शर्त के बातचीत बढ़ाने के पक्ष में है। इस बिल को लेकर अप्रैल में चीन की प्रतिक्रिया आई थी।

PunjabKesari

चीन ने कहा कि दलाई लामा अलगावादी हैं और अमेरिका को उनके चीन विरोधी रवैये को पहचानना चाहिए। चीन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अमेरिका, शीजांग (तिब्बत) को चीन का हिस्सा ना मानते हुए, अपने ही पुराने वादे से पीछे हटेगा तो चीन उसका कड़े अंदाज में जवाब देगा। चीन और तिब्बत के बीच विवाद बरसों पुराना है। चीन, तिब्बत को अपना ‘शीजांग’ प्रांत बताता है। चीन के मुताबिक तिब्बत तेरहवीं शताब्दी से ही चीन का हिस्सा रहा है इसलिए तिब्बत पर उसका हक है। हालांकि तिब्बत चीन के इस दावे को खारिज करता है। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!