Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Feb, 2023 02:35 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अडाणी समूह से जुड़े मामलों पर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच बृहस्पतिवार को कहा कि उनके ऊपर जितना कीचड़ उछाला जाएगा, कमल उतना ही खिलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अडाणी समूह से जुड़े मामलों पर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच बृहस्पतिवार को कहा कि उनके ऊपर जितना कीचड़ उछाला जाएगा, कमल उतना ही खिलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही। ‘‘कमल’’ केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनाव चिह्न है। प्रधानमंत्री ने जैसे ही जवाब देना आरंभ किया वैसे ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे।
जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना खिलेगा
सदस्यों की नारेबाजी के बीच मोदी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महत्वपूर्ण सदन में कुछ लोगों का व्यवहार, कुछ लोगों की वाणी ना सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को मैं यही कहूंगा... ‘कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल । जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल।’... अच्छा ही है। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।’’
खरगे पर निशाना
मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि इसलिए कमल खिलाने में उनका भी प्रत्यक्ष व परोक्ष योगदान है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस ने साठ सालों में देश में मजबूत बुनियाद रखी और मोदी उसका श्रेय ले रहे हैं।खड़गे जी शिकायत करते हैं कि मैं कालाबुरगी जाता हूं। उन्हें वहां के काम को देखना चाहिए। कर्नाटक में कालाबुरगी में 8 लाख से अधिक खातों सहित 1.70 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं। इतने सारे लोग सशक्त हो रहे हैं, किसी का खाता बंद हो रहा है, मैं दर्द समझ सकता हूं।
60 साल में ‘कांग्रेस’ ने गड्ढे ही गड्ढे खोदे
मोदी ने कहा कि जब 2014 में वह देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें नजर आया कि 60 साल में ‘‘कांग्रेस के परिवार’’ ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि उनका इरादा नेक होगा, लेकिन उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए हैं। जब वह गड्ढे खोद रहे थे... छह-छह दशक बर्बाद कर दिए थे उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे... आगे बढ़ रहे थे।’’
पुरुषार्थ के कारण हमारी सरकार की पहचान बनी
प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। पंचायत से पार्लियामेंट तक दुनिया उनकी थी, लेकिन एक भी चुनौती का समाधान ढूंढने का ना उन्होंने सोचा. ना सुलझाने का प्रयास किया। हमारी सरकार की पहचान पुरुषार्थ के कारण बनी है। आज हम एक-एक विषय को लेकर भागने वाले लोग नहीं बल्कि एक-एक समस्याओं पर ध्यान देकर हम लोग आगे बढ़ रहे हैं।