'नारेबाजी, हंगामा और भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा है', विपक्ष के वॉकआउट पर बोले पीएम मोदी

Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jul, 2024 01:44 PM

pm modi said on the walkout of the opposition

राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के बीच में ही कांग्रेस सहित विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया।

नेशनल डेस्क: राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के बीच में ही कांग्रेस सहित विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया। प्रधानमंत्री जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से कुछ कहने की अनुमति मांगी। आसन की ओर से यह अनुमति नहीं दिए जाने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। उनकी नारेबाजी के बीच भी जब प्रधानमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा तब खरगे सहित कांग्रेस एवं विपक्ष के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
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सत्य सुनने की ताकत नहीं है- पीएम मोदी 
विपक्षी सदस्य जब उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर जा रहे थे तब प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती। ...जिनके हौसले नहीं हैं ...उन्होंने जो सवाल उठाए उसके जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष उच्च सदन को अपमानित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता ने हर प्रकार से उन्हें इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हंगामा और भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा है।''

भारतीय संविधान को पीठ दिखाई- सभापति 
विपक्ष के बहिर्गमन को ‘‘अत्यंत दर्दनाक और पीड़ादायक'' करार देते हुए उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने यह अनुरोध किया था कि नेता प्रतिपक्ष को चर्चा के दौरान बिना रोक-टोक, बोलने का ‘सुअवसर' दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘आज वे (विपक्ष) सदन को छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है। उन्होंने आज मेरा और आपका अनादर नहीं किया है बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली गई है।''
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विपक्ष के इस व्यवहार से देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे
सभापति ने कहा कि भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह उच्च सदन है और इसको देश का मार्गदर्शन करना होता है। धनखड़ ने कहा कि वह विपक्षी सदस्यों के इस आचरण की भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस व्यवहार से देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। उन्होंने कहा कि सदन में कल देर रात तक चर्चा चली और विपक्ष ने जब अपनी बात पूरी कह ली हो तो उसे सत्ता पक्ष की बात सुननी चाहिए।
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भारतीय संविधान को चुनौती दी
सभापति ने कहा, ‘‘उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है, उसकी भावना को आहत किया है। मैं इस कुर्सी पर बैठकर बहुत दुखी हूं कि संविधान का इतना मजाक, इतना अपमान... । भारत का संविधान हाथ में रखने की किताब नहीं है बल्कि जीने की किताब है।'' उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह आत्मचिंतन करें, अपने दिल को टटोलें तथा अपने कर्तव्यों का पालन करें।  

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