Edited By Mahima,Updated: 17 Mar, 2025 10:08 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ अपने पॉडकास्ट में वैश्विक और राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने भारत-चीन रिश्ते, रूस-यूक्रेन युद्ध, पाकिस्तान के साथ रिश्ते, गुजरात दंगे, ट्रंप से दोस्ती, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, RSS से...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिकी शोधकर्ता और पॉडकास्ट होस्ट लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक लंबी और विचारपूर्ण बातचीत की। यह इंटरव्यू तीन घंटे 17 मिनट तक चला, जिसमें मोदी ने भारत के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, साथ ही वैश्विक राजनीति, पाकिस्तान, चीन, रूस, ट्रंप, गुजरात दंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। यहाँ इस इंटरव्यू की प्रमुख बातें प्रस्तुत की जा रही हैं, जिनसे प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण और भारत की नीतियों की झलक मिलती है।
1. भारत की ताकत और प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ताकत के बारे में बताते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत नाम नहीं है जो उन्हें ताकत देता है, बल्कि यह भारत के 140 करोड़ लोग और भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति है। मोदी का मानना है कि जब वह दुनिया के किसी अन्य नेता से मिलते हैं, तो वे केवल मोदी का हाथ नहीं मिलाते, बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का हाथ मिलाते हैं। उनका मानना है कि उनका जीवन और उनके कार्य इस महान देश की ताकत को प्रदर्शित करते हैं, न कि उनका व्यक्तिगत योगदान।
2. भारत-चीन रिश्तों पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और चीन के रिश्तों पर चर्चा करते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते कोई नए नहीं हैं। दोनों देशों की प्राचीन सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ हैं। मोदी का कहना था कि विभिन्न मतभेदों के बावजूद, इन दोनों देशों के बीच यह मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। उनका मानना था कि बातचीत और समझ से इन मतभेदों को सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि दोनों देशों को मिलकर अपने रिश्तों में स्थिरता और सम्मान बनाए रखना चाहिए।
3. रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश
जब लेक्स फ्रिडमैन ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, तो उन्होंने शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि यह युद्ध दुनिया के लिए दुखद है और इसका समाधान केवल बातचीत और समझौते के माध्यम से ही संभव है। पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि दोनों देशों को युद्ध खत्म कर शांति की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा शांति का पक्ष लिया है और भविष्य में भी शांति की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करेगा।
4. पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर 1947 के बाद से। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष का रास्ता अपनाया है, जबकि भारत ने हमेशा शांति और विकास के लिए कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद का रास्ता छोड़ने की अपील की और कहा कि भारत अपनी नीति में हमेशा शांति और विकास की दिशा में काम करता रहेगा, लेकिन पाकिस्तान को इसे समझना होगा।
5. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से प्रधानमंत्री मोदी के जुड़ाव का असर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि RSS ने उन्हें जीवन के मूल्य और अनुशासन सिखाया। मोदी ने बताया कि RSS ने उन्हें भारतीय समाज के लिए समर्पित भाव से काम करने की प्रेरणा दी है। मोदी के अनुसार, RSS ने समाज को संगठित करने और राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि संघ का दृष्टिकोण यह है कि ‘श्रमिकों ने दुनिया को एकजुट किया है’ और यह विचार पूरी दुनिया में फैल रहा है।
6. गुजरात दंगों पर प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट बयान
गुजरात दंगों (2002) को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि गुजरात में पहले भी दंगे होते रहे थे, लेकिन इस बार दंगों को अनावश्यक रूप से बड़े पैमाने पर प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि गुजरात में शांति बनाए रखने के लिए उन्होंने और राज्य सरकार ने हर संभव प्रयास किए थे और इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए थे। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दंगे के बाद गुजरात में शांति लाने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
7. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ रिश्ते
प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने रिश्ते पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि उनके और ट्रंप के बीच अच्छे रिश्ते थे और वे आपसी सम्मान और दोस्ती पर आधारित थे। मोदी ने ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का उल्लेख किया, जहां ट्रंप ने उनका सम्मान किया और साथ में मंच साझा किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनका और ट्रंप का दृष्टिकोण भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए मेल खाता था, और दोनों देशों के रिश्ते मजबूत बने।
8. बचपन की यादें और गरीबी से जूझने का अनुभव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनका जीवन गरीबी में बीता, लेकिन उन्होंने कभी इसे एक बोझ की तरह महसूस नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें जीवन के सच्चे मूल्य सिखाए। उनका मानना था कि गरीबी के बावजूद, उनके परिवार ने उन्हें कठिनाईयों का सामना करना सिखाया और यह उनके व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक रहा। मोदी ने यह भी बताया कि उन्हें बचपन में अपनी मां से संस्कार मिले और यह उनके जीवन के मूलाधार बने।
9. उपवास और हिंदू धर्म
लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से उपवास के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने भारत की धार्मिक परंपराओं और जीवनशैली पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उपवास न केवल शरीर की सफाई के लिए होता है, बल्कि यह मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने का भी एक तरीका है। उनके अनुसार, यह आंतरिक और बाहरी संतुलन लाने का शक्तिशाली साधन है, जिससे व्यक्ति को जीवन में संतुलन और धैर्य मिलता है।
10. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और भारत का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व को लेकर अपनी बात साझा की। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और इसका उपयोग भारत की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को हल करने में किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृतियों और सोच को AI के विकास में एक नया दृष्टिकोण मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के युवाओं की प्रतिभा को सामने लाने के लिए सरकार सक्रिय रूप से AI के क्षेत्र में काम कर रही है और भविष्य में इस क्षेत्र में और भी विकास होगा।