Edited By Tanuja,Updated: 12 Feb, 2025 05:34 PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) ने बुधवार को फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मारसेई शहर के ऐतिहासिक माजारग्वेज युद्ध कब्रिस्तान का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध (World War I) में ब...
Paeis: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) ने बुधवार को फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मारसेई शहर के ऐतिहासिक माजारग्वेज युद्ध कब्रिस्तान का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध (World War I) में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों ( Indian Soldiers) को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगे के रंग वाले फूलों से निर्मित पुष्पचक्र अर्पित किया। मैक्रों ने भी भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांसीसी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को याद करते हुए मोदी ने हाथ जोड़कर और सिर झुकाते हुए उस ऐतिहासिक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां ‘भारतीय स्मारक' भी है।
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स्मारक पर बैंड की धुनों ने इस अवसर की गरिमा को और बढ़ा दिया। बाद में, दोनों नेताओं ने इस ऐतिहासिक कब्रिस्तान परिसर का दौरा किया और स्मारक पट्टिकाओं पर गुलाब के फूल चढ़ाए। इस कब्रिस्तान में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों के स्मारक हैं। राष्ट्रमंडल युद्ध कब्र आयोग (सीडब्ल्यूजीसी) इस कब्रिस्तान का रखरखाव करता है। फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर आए मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ‘एआई एक्शन' शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और व्यापार जगत के दिग्गजों को संबोधित किया। मोदी 10 फरवरी को पेरिस पहुंचे थे। प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 के दौरान, जबकि दूसरा विश्व युद्ध 1939-45 के दौरान हुआ था।
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सीडब्ल्यूजीसी की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘इस कब्रिस्तान में 1914-18 के युद्ध में जान गंवाने वाले 1,487 और 1939-45 के युद्ध में बलिदान देने वाले 267 जवानों के स्मारक हैं। 205 अन्य भारतीय जवानों की अंत्येष्टि की गई थी जिनकी याद में कब्रिस्तान के पीछे एक स्मारक बनाया गया है।'' शहर के चार कब्रिस्तानों का इस्तेमाल मुख्य रूप से मारसेई में मारे गए राष्ट्रमंडल बलों के अधिकारियों और सैनिकों को दफ़नाने के लिए किया गया था। शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित सेंट पियरे कब्रिस्तान में 1914-16 में हिंदू सैनिकों और मज़दूरों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। जुलाई 1925 में फील्ड मार्शल सर विलियम बर्डवुड ने माजारग्वेज भारतीय स्मारक का अनावरण किया था।