Edited By Parveen Kumar,Updated: 06 Feb, 2025 07:00 PM
![pm modi took the name of balraj sahni in rajya sabha](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_19_00_1988795562-ll.jpg)
भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता बलराज साहनी का नाम फिर से चर्चा में आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने भाषण में उनका जिक्र किया और उनके त्याग को याद किया, जिसे ज्यादातर लोग भूल चुके थे।
नेशनल डेस्क : भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता बलराज साहनी का नाम फिर से चर्चा में आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने भाषण में उनका जिक्र किया और उनके त्याग को याद किया, जिसे ज्यादातर लोग भूल चुके थे। बलराज साहनी न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि एक सामाजिक जागरूक व्यक्ति भी थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई यादगार किरदार दिए और अपने काम के जरिए देश की आज़ादी में भी अपना योगदान दिया। उन्होंने जेल में रहते हुए भी अपनी फिल्मों की शूटिंग की थी, जो उनकी समर्पण की मिसाल है।
बलराज साहनी का जीवन परिचय
बलराज साहनी का जन्म 1 मई 1913 को रावलपिंडी, पंजाब में हुआ था। उनका परिवार अमीर था और बलराज पढ़ाई में काफी होशियार थे। उन्होंने लाहौर के प्रसिद्ध कॉलेजों से अपनी शिक्षा पूरी की। जैसे ही देश में आज़ादी की लहर चलने लगी, बलराज साहनी ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। बाद में, गांधी जी के कहने पर बलराज ने लंदन में बीबीसी में काम किया और फिर भारत लौटकर मुंबई में बस गए।
अभिनय की ओर बढ़ता कदम
मुंबई में रहकर बलराज साहनी को अभिनय का शौक लगा और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनानी शुरू की। उनकी पहली फिल्म 'इंसाफ' थी, लेकिन 'धरती के लाल' जैसी फिल्म ने उन्हें स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने 'दो बीघा ज़मीन', 'काबुलीवाला', 'वक्त', 'गरम हवा' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया और लाखों दिलों में जगह बनाई।
दुखों का सामना और समाज सेवा
बलराज साहनी की जिंदगी में एक समय पर कई दुख आए। 1947 में उनकी पत्नी का निधन हो गया, और फिर उनकी बेटी भी असमय चल बसी। इन दुखों से जूझते हुए, उन्होंने अपने अभिनय के साथ-साथ समाज के लिए भी काम किया और कई बार गलत सरकारी नीतियों के विरोध में जेल गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी इसी सामाजिक चेतना को सराहा। बलराज साहनी का निधन 13 अप्रैल 1973 को हुआ, लेकिन उनकी यादें और उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।