Edited By Tanuja,Updated: 22 Aug, 2024 05:30 PM
यूक्रेन की अपनी यात्रा से एक दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि किसी भी संघर्ष...
International Desk: यूक्रेन की अपनी यात्रा से एक दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि किसी भी संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता और वह क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है। मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद यह बात कही। बैठक में, दोनों नेताओं ने भारत-पोलैंड संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील करने का निर्णय लिया। दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में, मोदी करीब सात घंटे के लिए कीव में होंगे। वह यूक्रेन की राजधानी के लिए आज शाम एक ट्रेन से रवाना होंगे और इस यात्रा की अवधि करीब 10 घंटे की होगी।
मोदी ने टस्क के साथ बातचीत के बाद अपने प्रेस वक्तव्य में कहा, ‘‘यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत का दृढ़ता से मानना है कि युद्ध के मैदान में किसी भी समस्या का समाधान नहीं ढूंढा जा सकता।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी संकट में निर्दोष लोगों की जान जाना समूची मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हम शांति एवं स्थिरता शीघ्र बहाल करने के लिए वार्ता और कूटनीति का समर्थन करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए भारत, अपने मित्र देशों के साथ हर संभव सहायता देने को तैयार है।''
मोदी बुधवार को वारसॉ पहुंचे, जो करीब आधी सदी में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड की पहली यात्रा है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन भारत और पोलैंड के बीच संबंधों के लिए विशेष महत्व का है। 45 साल बाद, आज कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड आया है।'' मोदी ने कहा, ‘‘इस साल हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर, हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील करने का निर्णय लिया।'' मोदी ने कहा कि भारत और पोलैंड अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार वक्त की दरकार है।''