Edited By Parminder Kaur,Updated: 05 Sep, 2024 04:16 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के सूरत में 'जल संचय जन भागीदारी' पहल की शुरुआत करेंगे। इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पहल मौजूदा 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' के तहत...
नेशनल डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के सूरत में 'जल संचय जन भागीदारी' पहल की शुरुआत करेंगे। इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पहल मौजूदा 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' के तहत है, जो मोदी के दीर्घकालिक जल सुरक्षा के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है। इस पहल का मकसद गुजरात में नागरिकों, स्थानीय निकायों, उद्योगों और अन्य हितधारकों को वर्षा जल संचयन संरचनाएं लागू करने के लिए प्रेरित करना है।
इस पहल को एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अन्य राज्यों को भी जल-प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी और पूरे देश में जल सुरक्षा बढ़ेगी। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी के "समाज के समग्र" दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें हर बूँद बारिश के पानी को एक मूल्यवान संसाधन में बदलने की दिशा में सामूहिक प्रयास की अपील की गई है।
इस पहल के तहत निर्मित संरचनाएं वर्षा जल संचयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और गुजरात में जल संरक्षण की सफलता को प्रदर्शित करेंगी। इसके साथ ही, यह पहल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी।
बयान में कहा गया है कि गुजरात का जल संरक्षण मॉडल भारत में एक अग्रणी उदाहरण रहा है। 'जल संचय जन भागीदारी' पहल के आरंभ को एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य अन्य राज्यों को भी इन प्रयासों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में रेखांकित किया है, जो उनके दीर्घकालिक समर्थन को दर्शाता है। इस पहल में देशभर के राज्य नोडल अधिकारियों की भागीदारी होगी और यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और जल-सुरक्षित भविष्य बनाने के राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।
इस पहल का आधार 2019 में शुरू हुए 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' की सफलता है। महामारी के बावजूद यह अभियान एक वार्षिक राष्ट्रव्यापी प्रयास बन गया है। इसके वर्तमान संस्करण में 'नारी शक्ति से जल शक्ति' थीम के तहत जल प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया गया है।