Edited By Mahima,Updated: 05 Feb, 2025 10:27 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (5 फरवरी) महाकुंभ में संगम में पवित्र स्नान करेंगे। उनका कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू होगा, जिसमें वह अरैल घाट पर पूजा और स्नान करेंगे, उसके बाद अक्षयवट की पूजा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेले की तैयारियों का...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (5 फरवरी) को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में पवित्र स्नान करेंगे। यह उनके द्वारा महाकुंभ के दौरान किया जाने वाला पहला आधिकारिक दौरा है। पीएम मोदी के इस दौरे से पहले, वह महाकुंभ मेला क्षेत्र की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहले ही प्रयागराज का दौरा कर चुके हैं। इस बार उनका कार्यक्रम महाकुंभ के महत्व और इसके ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ दौरा सुबह 10 बजे से शुरू होगा। वह प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे, जहां से उनका काफिला सीधे अरैल घाट के लिए रवाना होगा।
- सुबह 10:00 बजे: पीएम मोदी प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
- सुबह 10:45 बजे: वह अरैल घाट पर पहुंचेंगे, जहां वह करीब आधे घंटे तक पवित्र स्नान और पूजन करेंगे। अरैल घाट पर उनका यह स्नान धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि यह संगम के पास स्थित एक प्रमुख घाट है।
- इसके बाद: पीएम मोदी अक्षयवट की पूजा करने के लिए वहां जाएंगे, जो हिन्दू धर्म में एक बहुत पवित्र स्थान माना जाता है।
- दोपहर 12:00 बजे: वह हेलीपैड डीपीएस प्रयागराज पहुंचेंगे, जहां से वह अपनी यात्रा को अगले चरण में ले जाएंगे।
- दोपहर 12:30 बजे: पीएम मोदी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उनका यह दौरा कुल मिलाकर करीब ढाई घंटे तक होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महाकुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया था। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि महाकुंभ के आयोजन में कोई कमी न हो, और सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ जैसे सुरक्षा, यातायात, चिकित्सा सुविधाएं और शौचालय की व्यवस्था सही तरीके से की गई हों। योगी आदित्यनाथ ने मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुविधा को प्राथमिकता देने की बात कही।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए पांच सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। अरैल क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और वहां खास अलर्ट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए पांच सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है और सुरक्षा अधिकारियों ने इलाके में गहन निरीक्षण किया है। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है, ताकि उनका दौरा बिना किसी अवरोध के सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
PM Modi का महाकुंभ मेला में विशेष स्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महाकुंभ मेला के प्रति विशेष लगाव है, और यह उनके सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। महाकुंभ के दौरान उनके दौरे को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से सनातन धर्म को एक नई पहचान मिली है, और उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखा है।श्रद्धालुओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण महाकुंभ की आस्था और जागरूकता में बढ़ोतरी हुई है। पहले जहां लोग इस महापर्व के महत्व से पूरी तरह वाकिफ नहीं थे, वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी की पहल और उनके धार्मिक कार्यों के कारण लोगों में इस आयोजन के प्रति गहरी श्रद्धा और जागरूकता बढ़ी है।
दूसरी बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ पवित्र स्नान
प्रयागराज के स्थानीय निवासी और महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि पीएम मोदी के प्रयासों से न केवल महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, बल्कि सनातन धर्म को भी एक नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी जैसे बड़े नेता दूसरी बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ पवित्र स्नान करने आ रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के सनातन धर्म के प्रति विशेष श्रद्धा और समर्पण ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। उनके महाकुंभ दौरे से यह प्रतीत होता है कि सरकार धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ मेला में पवित्र स्नान करने का यह अवसर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को भी दर्शाता है। पीएम मोदी के इस दौरे से महाकुंभ का महत्व और बढ़ेगा, और इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर और पहचान मिलेगी।