Edited By Harman Kaur,Updated: 16 Mar, 2025 01:28 PM

भारत सरकार की पीएम सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) ने 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के साथ एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है। यह योजना 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी और अब तक 47.3 लाख आवेदन प्राप्त...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार की पीएम सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) ने 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के साथ एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है। यह योजना 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी और अब तक 47.3 लाख आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इस योजना के तहत 6.13 लाख लाभार्थियों को 4,770 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है, जिससे भारतीय घरों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ा है।
योजना की विशेषताएं और वित्तीय सुविधाएं
इस योजना का एक प्रमुख पहलू इसका आसान वित्तीय विकल्प है, जिसमें 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 6.75% सब्सिडी दर पर 2 लाख रुपए तक के बगैर संपत्ति गारंटी वाले लोन दिए जाते हैं। अब तक 3.10 लाख लोन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1.58 लाख को स्वीकृत किया गया और 1.28 लाख लोन राशि वितरित की गई है। इस योजना में 15 दिनों के भीतर सब्सिडी का ट्रांसफर भी किया जाता है, जिससे अधिकतर घरों को शून्य बिजली बिल का लाभ मिल रहा है।
राज्यों का प्रदर्शन
कुछ राज्यों ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। चंडीगढ़ और दमन और दीव ने सरकारी भवनों के लिए अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य 100% पूरे कर लिए हैं। वहीं, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु ने भी इस योजना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकार का लक्ष्य 2026-27 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा से संचालित घरों तक पहुंचने का है।
प्रमुख राज्यों का योगदान
गुजरात में 3,51,273 घरों को इस योजना का लाभ मिला है, जो कुल स्थापना का 41.47% है। केरल में 65,423 घरों ने इस योजना का लाभ उठाया है (7.73%) और उत्तर प्रदेश में 73,602 घरों को लाभ मिला है (8.69%)।
योजना के लाभ
यह योजना भारतीय घरों को मुफ्त बिजली देती है, जिससे उनके ऊर्जा खर्च में काफी कमी आती है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा के उपयोग से सरकार को हर साल 75,000 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। सौर ऊर्जा परियोजनाएं कार्बन उत्सर्जन को घटाकर भारत को एक स्वच्छ और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में अग्रसर कर रही हैं। हर सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना से उतनी ही कार्बन उत्सर्जन की कमी होती है जितनी 100 पेड़ लगाने से होती है।
सब्सिडी और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत सब्सिडी घरों की मासिक बिजली खपत के आधार पर दी जाती है। 0-150 यूनिट खपत वाले घरों के लिए 1-2 किलवाट सौर संयंत्र उपयुक्त है, जिनके लिए 30,000 से 60,000 रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है। 150-300 यूनिट खपत वाले घरों के लिए 2-3 किलवाट संयंत्र पर 60,000 से 78,000 रुपए की सब्सिडी मिलती है। 300 यूनिट से अधिक खपत वाले घरों को 3 किलोवाट या उससे अधिक के संयंत्र पर 78,000 रुपए तक की सब्सिडी मिलती है। सब्सिडी 15 दिनों के भीतर जारी की जाती है।
भविष्य में सौर ऊर्जा के लक्ष्य
2027 तक इस योजना के तहत 30 GW सौर ऊर्जा क्षमता Residential Rooftop Installations से जोड़ने का लक्ष्य है, जिससे भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को एक नया आयाम मिलेगा। 25 वर्षों के जीवन काल में, इन प्रणालियों से 1000 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है, और इससे 720 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी। साथ ही, इस योजना से 17 लाख नए प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे।
"मॉडल सोलर विलेज" की पहल
इस योजना का एक अनूठा पहलू "मॉडल सोलर विलेज" है, जिसमें हर जिले में एक गांव को चुना जाएगा, जो सौर ऊर्जा अपनाने का उदाहरण बनेगा। इन गांवों को 1 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा, ताकि ये भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दें और ऊर्जा स्वावलंबन को बढ़ावा दें।