Edited By Pardeep,Updated: 22 Mar, 2025 06:13 AM

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के अंतर्गत 20 मार्च 2025 को केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में 3.53 लाख से अधिक घरों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी शुक्रवार को आवासन एवं शहरी कार्य...
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के अंतर्गत 20 मार्च 2025 को केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में 3.53 लाख से अधिक घरों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी शुक्रवार को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की एक विज्ञापन में दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने 20 मार्च को पीएमएवाई-यू 2.0 के अंतर्गत सीएसएमसी की पहली बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसी और साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) घटकों के अंतर्गत 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पुड्डुचेरी, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश में कुल 3,52,915 घरों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
स्वीकृत घरों में से महिलाओं के लिए 2.67 लाख से अधिक घर स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें एकल महिलाएं और विधवाएं शामिल हैं, साथ ही 90 घर ट्रांसजेंडरों को आवंटित किए गए हैं। कुल स्वीकृत घरों में से, अनुसूचित जाति (एससी) लाभार्थियों के लिए 80,850 घर,अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 15,928 और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के लिए 2,12,603 ??घर स्वीकृत किए गए हैं, जो विभिन्न वंचित समूहों के बीच समावेशिता और समानता को बढ़ावा देते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पीएमएवाई-यू 2.0 के अंतर्गत राज्य के हिस्से के अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक लाभार्थी (जो 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं) को 30,000 रुपये और प्रत्येक अविवाहित महिला (40 वर्ष से अधिक उम्र), विधवा और अलग रह रही महिला लाभार्थी को 20,000 रुपये प्रदान कर रही है। पीएमएवाई-यू 2.0 वर्तमान में कार्यान्वयन चरण में है, जिसके लिए मंत्रालय और 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। योजना के कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय और केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के बीच भी सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, 200 से अधिक प्राथमिक ऋण संस्थानों के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। लाभार्थियों को योजना के लिए सीधे आवेदन करने में मदद करने के लिए मंत्रालय द्वारा एक वेब पोटर्ल विकसित किया गया है।
आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पहली सितम्बर 2024 से देश भर के शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों के लिए कार्यान्वयन हेतु पीएमएवाई-यू 2.0‘सभी के लिए आवास'मिशन शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी के लिए आवास के द्दष्टिकोण के अनुसरण में, पीएमएवाई-यू 2.0, 5 वर्षों में 01 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन स्तर प्राप्त कर सके।
पीएमएवाई-यू 2.0 को चार वटिर्कल के माध्यम से लागू किया जा रहा है - बीएलसी, भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराया आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)। पात्र लाभार्थी अपनी पसंद और पात्रता के अनुसार किसी भी एक वटिर्कल के अंतर्गत लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2.30 लाख करोड़ रुपए की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/एमआईजी सेगमेंट से संबंधित परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के अंतर्गत घर खरीदने या बनाने के पात्र हैं। प्रत्येक आवास इकाई के लिए 2.50 लाख रुपए की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
सभी के लिए आवास (एचएफए) के संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक (जेएसएंडएमडी) कुलदीप नारायण, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मिशन निदेशक, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी भी भौतिक और वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे। प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी पहली बार जून 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जबकि लगभग 92 लाख घरों का निर्माण हो चुका है और लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।