यूपी में पुलिस ही नहीं सुरक्षित? महिला दारोगा का अपहरण, 87 नंबरों से धमकी वाला कॉल और लव कनेक्शन, क्या है पूरा मामला

Edited By Yaspal,Updated: 18 Sep, 2024 06:06 AM

police is not safe in up kidnapping of a female inspector

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तैनात एक महिला दारोगा ने अज्ञात बदमाशों पर कथित रूप से जबरन कार में बैठाने और धमकी देने का आरोप लगाया। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, कथित घटना पिछले हफ्ते हुई थी

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तैनात एक महिला दारोगा ने अज्ञात बदमाशों पर कथित रूप से जबरन कार में बैठाने और धमकी देने का आरोप लगाया। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, कथित घटना पिछले हफ्ते हुई थी। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बीबीडी थाने में अंशुमान पांडे और दो अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 127 (2) (गलत तरीके से रोकना), 61 (2) (आपराधिक साजिश), और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। महिला दारोगा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 13 सितंबर को दो अज्ञात लोग उसके घर आए और उसे एक नोटिस देने के बहाने बाहर बुलाया।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, जैसे ही वह बाहर निकली तभी एक व्यक्ति ने उसका फोन छीन लिया और दो लोगों ने उसे ‘जबरन' एक कार में बैठाया। उन्होंने बताया कि कार कोई दूसरा व्यक्ति चला रहा था। महिला दारोगा ने दावा किया कि इस दौरान कार चला रहे व्यक्ति ने कहा कि वह (पीड़िता) अंशुमान पांडे के साथ समझौता कर ले या गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। दारोगा ने कहा, “वे मुझे सतरिख रोड की ओर ले गए और मुझसे दो दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए। उसके बाद वे मुझे भिटौली चौराहे के पास छोड़कर चले गए।”

पुलिस के मुताबिक यह वारदात रविवार की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जुग्गौर में किसान पथ के पास कुम्हारनपुरवा का है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दिया है। पीड़िता ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि रविवार को वह अपने घर में थी। इसी दौरान बाहर से किसी ने उसका नाम लेकर आवाज दी। यह आवाज सुनकर बाहर निकली तो दो तीन लोग वह नजर आए। इन लोगों ने उसके हाथ से मोबाइल छीन लिया और उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर चल दिए।

भिटौली चौराहे पर छोड़ कर भाग गए थे आरोपी
रास्ते में आरोपियों ने मुख्य आरोपी अंशुमान पांडेय के खिलाफ दर्ज कराए एफआईआर को वापस लेने का दबाव बनाया। साथ ही धमकी दी कि वह ऐसा नहीं करेगी तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। इस दौरान आरोपियों ने दो कागजों पर उसके हस्ताक्षर भी लिए और भिटौली चौराहे पर उसे उतार कर फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों के चंगुल से मुक्त होते ही उसने पुलिस कंट्रोल रूम और अपने भाई को सूचना दी। इस वारदात के वक्त इस मुकदमे में पैरवी के लिए उनका भाई थाने गया था।

सीसीटीवी खंगाल रही है पुलिस
वारदात की खबर मिलते ही हरकत में आई पुलिस ने घटना स्थल एवं आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। पीड़िता ने बताया कि मुख्य आरोपी अंशुमान काफी समय से उसे परेशान कर रहा था। वह अक्सर उसे फोन करता और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था। इस संबंध में उसने पहले तो आरोपी के नंबर ब्लाक किए। लेकिन वह नंबर बदल बदल कर फोन करने लगा। ऐसे में उसने आरोपी के कुल 87 नंबर ब्लाक कर दिए।

शादी का दबाव बना रहा है आरोपी
इसके बाद भी आरोपी की हरकतें कम नहीं हुई और शादी के दबाव बनाने लगा। यहां तक कि उसने ब्लैकमेल करते हुए दो लाख रुपये की डिमांड भी कर दी। परेशान होकर पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ हजरतगंज थाने में केस दर्ज करा दिया। इसके बाद से आरोपी पीड़ित महिला दरोगा पर केस वापसी के लिए दबाव बना रहा था। इंस्पेक्टर बीबीडी अजय नारायण सिंह के मुताबिक आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ ने अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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