Edited By Mahima,Updated: 04 Jan, 2025 11:05 AM
जामताड़ा पुलिस ने दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर स्टाफ बनकर स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स से ठगी करते थे। पुलिस ने उनके पास से 16 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया। आरोपियों ने कई राज्यों में लाखों...
नेशनल डेस्क: जामताड़ा पुलिस ने दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर स्टाफ के रूप में लोगों से ठगी करते थे। यह गिरोह स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स के माध्यम से लोगों के बैंक खातों से पैसा उड़ा लिया करता था। पुलिस ने आरोपियों से 16 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया है। गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान 23 वर्षीय मो. ताहिर अंसारी और 19 वर्षीय मुजाहिद अंसारी के रूप में हुई है। ये दोनों अलग-अलग स्थानों के रहने वाले थे, लेकिन एक साथ मिलकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे।
साइबर ठगों का तरीका
पुलिस के अनुसार, मो. ताहिर अंसारी, जो दुमका जिले का रहने वाला है, वर्तमान में जामताड़ा में अपनी ससुराल में रह रहा था। वहीं मुजाहिद अंसारी जामताड़ा का ही निवासी है। दोनों शातिर अपराधी पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लोगों से साइबर ठगी करते थे। इन दोनों ने अपने शिकारों को ई-कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर स्टाफ के रूप में फोन किया और फिर उन्हें स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड करने के लिए कहा। इस ऐप के जरिए वे शिकार की स्क्रीन को रिमोटली एक्सेस कर लेते थे और फिर बैंक खाता विवरण चुरा कर पैसों की उगाही करते थे। इन अपराधियों का जाल काफी फैल चुका था, और पुलिस ने उनकी धरपकड़ के लिए गहन जांच शुरू की। जामताड़ा पुलिस के नेतृत्व में इस मामले की जांच शुरू की गई, और दोनों आरोपियों को जामताड़ा जिले के नावाडीह और सिंदरजोड़ी गांवों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि इन दोनों ने करीब एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में लोगों को ठगा था, और उनका मुख्य तरीका स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से धोखाधड़ी करना था।
ससुराल पहुंची पुलिस, घरवाले हो गए हैरान
पुलिस ने ताहिर अंसारी को उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया। जब पुलिस ताहिर को पकड़ने वहां पहुंची, तो उसके ससुराल वाले भी हैरान रह गए, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था कि उनका दामाद साइबर ठगी के इस बड़े खेल में शामिल है। यह एक चौंकाने वाली घटना थी, क्योंकि ताहिर के परिवार ने उसे एक सामान्य व्यक्ति ही समझा था, लेकिन उसकी असली पहचान कुछ और ही थी।
पुलिस ने 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप भी किया बरामद
पुलिस ने ताहिर और मुजाहिद से पूछताछ की और कई अहम जानकारियां हासिल की। जांच में यह सामने आया कि दोनों ने मिलकर कई राज्यों में लोगों को ठगा था, और इन दोनों के पास से बरामद मोबाइल फोन और लैपटॉप से भी ठगी से जुड़े कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। पुलिस ने बताया कि इनके पास से 16 मोबाइल फोन मिले हैं, जिनमें से एक iPhone था, जो काफी महंगा था। इसके अलावा, पुलिस ने 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप भी बरामद किया है, जो ठगी के इस नेटवर्क को संचालित करने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। ये दोनों आरोपी इस तरह की गतिविधियों में पहले भी शामिल रहे थे, और इनके खिलाफ पहले भी शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इनके नेटवर्क में और भी लोग शामिल थे। आरोपियों ने माना कि उन्होंने इस तरह की ठगी के जरिए लाखों रुपये की ठगी की थी।
साइबर अपराध का बढ़ता खतरा
जामताड़ा पुलिस के एसपी डॉ. एहतेशाम बकरीब ने बताया कि पुलिस इन दोनों आरोपियों के खिलाफ IT एक्ट और साइबर क्राइम के तहत कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस की जांच अभी भी जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस गिरोह से जुड़े और भी लोग गिरफ्तार हो सकते हैं। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से अपने बैंकिंग विवरण न साझा करें। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोग हमेशा सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करें। पुलिस ने यह भी कहा कि साइबर अपराधी अब और भी परिष्कृत तरीके अपना रहे हैं, और इस प्रकार के अपराध में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए, यह जरूरी है कि लोग इंटरनेट पर अपने व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहें।
जामताड़ा पुलिस की सराहना
जामताड़ा पुलिस की इस कार्यवाही को स्थानीय लोगों और पूरे क्षेत्र में सराहा जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में जो तेजी से कार्रवाई की है, उससे साइबर अपराधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है। यह घटना जामताड़ा पुलिस की कार्यक्षमता और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण पेश करती है, जो साइबर अपराधों के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम कर रही है। यह घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है, जो बताती है कि साइबर अपराधियों के पास कई नए और प्रभावी तरीके हैं, जिनसे वे लोगों को ठग सकते हैं। पुलिस की जांच और कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों को अधिक सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है।