Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Mar, 2025 05:28 PM

बिहार के अरवल जिले से भाजपा के जाने माने पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद हैदराबाद में निधन हो गया। उनके निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वे पिछले कई महीनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था।
नेशनल डेस्क: बिहार के अरवल जिले से भाजपा के जाने माने पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद हैदराबाद में निधन हो गया। उनके निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वे पिछले कई महीनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे अरवल और उनके पैतृक गांव नीमा में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों के अनुसार, चितरंजन शर्मा का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव नीमा लाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर स्थानीय लोगों, भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
राजनीति और समाजसेवा में अहम योगदान
चितरंजन शर्मा न केवल एक राजनेता बल्कि समाजसेवी भी थे। 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर अरवल सीट से जीत दर्ज कर उन्होंने क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे अपनी सादगी और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते थे। उनके कार्यकाल में अरवल सहित मगध क्षेत्र में भाजपा को मजबूत करने में उनका अहम योगदान रहा। चितरंजन शर्मा राजनीति के साथ-साथ धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थे। उन्होंने कई सेवा योजनाओं को बढ़ावा दिया और गरीबों की सहायता के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए। उनकी जनसेवा की भावना के कारण वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे।
नेताओं ने जताया शोक
उनके निधन पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव सहित कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया। नंद किशोर यादव ने कहा, "चितरंजन शर्मा का असामयिक निधन अत्यंत दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।" अरवल जिले और आसपास के इलाकों में उनके निधन की खबर से लोग दुखी हैं। उनके समर्थकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।