Edited By Harman Kaur,Updated: 07 Sep, 2024 03:27 PM
GST काउंसिल की सोमवार 9 सितंबर को होने वाली बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा (Health and Life Insurance) पर राहत देने का फैसला हो सकता है। काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने राहत देने के लिए चार विकल्प सुझाए हैं, जिन्हें केंद्र और विभिन्न राज्यों के राजस्व...
नेशनल डेस्क: GST काउंसिल की सोमवार 9 सितंबर को होने वाली बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा (Health and Life Insurance) पर राहत देने का फैसला हो सकता है। काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने राहत देने के लिए चार विकल्प सुझाए हैं, जिन्हें केंद्र और विभिन्न राज्यों के राजस्व अधिकारियों से सलाह-मशविरा करने के बाद तैयार किया गया है। इन विकल्पों में से किसी एक को अपनाने पर सरकार को 650 करोड़ से लेकर 3,500 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, फिटमेंट पैनल अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को सोमवार को सौंप सकता है।
पैनल ने राहत देने के लिए सुझाए 4 विकल्प:-
- स्वास्थ्य बीमा पर पूरी छूट: सभी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और दोबारा बीमा पर पूरी छूट दी जाए।
राजस्व हानि: ₹3,495 करोड़
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रीमियम पर छूट: वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक के बीमा प्रीमियम पर छूट मिले।
राजस्व हानि: ₹2,110 करोड़
- जीएसटी दर में कमी: वर्तमान 18% जीएसटी दर को घटाकर 5% कर दी जाए।
राजस्व हानि: ₹1,730 करोड़
- बुजुर्गों के भरे गए प्रीमियम पर छूट: बुजुर्गों द्वारा भरे गए प्रीमियम पर छूट दी जाए।
राजस्व हानि: ₹645 करोड़
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जीएसटी को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच कोई टकराव नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी हटाने की मांग की थी।