Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Dec, 2024 03:22 PM
फसलों के रकबे में बढ़ोतरी और दिसंबर के मध्य तक नई फसल की आवक के कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आई है। आलू, टमाटर और प्याज की खुदरा कीमतों में पिछले हफ्ते के दौरान 25% तक गिरावट आई है। हालांकि, पिछले छह महीनों में इन सब्जियों की कीमतें बहुत ज्यादा...
नेशनल डेस्क. फसलों के रकबे में बढ़ोतरी और दिसंबर के मध्य तक नई फसल की आवक के कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आई है। आलू, टमाटर और प्याज की खुदरा कीमतों में पिछले हफ्ते के दौरान 25% तक गिरावट आई है। हालांकि, पिछले छह महीनों में इन सब्जियों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थीं, जिससे ये अभी भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले महंगी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी के मध्य तक इनकी कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है।
वर्तमान में रिटेल मार्केट में अच्छी क्वालिटी के आलू, प्याज और टमाटर 40-50 रुपए किलो के बीच मिल रहे हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के प्रमुख ने बताया कि आने वाले समय में कीमतों में और गिरावट हो सकती है।
प्याज के थोक भाव में 55% गिरावट से किसान नाराज
नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज की थोक कीमतों में पिछले एक हफ्ते में 55% तक गिरावट आई है। अब प्याज थोक में 2,400 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है, जिसके चलते गुरुवार को किसानों ने कुछ समय के लिए प्याज की बिक्री रोक दी। किसानों ने सरकार से मांग की है कि प्याज के निर्यात पर 20% ड्यूटी हटाई जाए ताकि उन्हें राहत मिल सके।
आने वाले महीनों में सब्जियों की कीमतों में और गिरावट की संभावना
इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, जनवरी से मार्च तक सब्जियों की महंगाई धीरे-धीरे कम होती जाएगी। अनुमान है कि मार्च तक महंगाई दर 4.5% से नीचे आ सकती है।