Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Jan, 2025 12:16 PM
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत देशभर में खोले गए खातों में से हर पांचवां खाता दिसंबर 2024 तक निष्क्रिय पाया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 11 करोड़ जनधन खाते लंबे समय से बिना किसी लेन-देन के बंद पड़े हैं। यह स्थिति वित्त मंत्रालय...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत देशभर में खोले गए खातों में से हर पांचवां खाता दिसंबर 2024 तक निष्क्रिय पाया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 11 करोड़ जनधन खाते लंबे समय से बिना किसी लेन-देन के बंद पड़े हैं। यह स्थिति वित्त मंत्रालय द्वारा निष्क्रिय खातों को चालू करने के प्रयासों के बावजूद बनी हुई है।
बैंक खातों को तब निष्क्रिय माना जाता है, जब खाताधारक लगातार 24 महीने तक उसमें कोई लेन-देन नहीं करता। मार्च 2024 में निष्क्रिय खातों की संख्या 19% थी, जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 21% हो गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा में सबसे ज्यादा निष्क्रिय खाते
- बैंक ऑफ बड़ौदा में 2.9 करोड़ निष्क्रिय जनधन खाते हैं, जो किसी भी अन्य बैंक की तुलना में सबसे अधिक हैं।
- पंजाब नेशनल बैंक में 2 करोड़, एसबीआई में 1.8 करोड़ और बैंक ऑफ इंडिया में 1.26 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं।
जनधन खातों में जमा की स्थिति
अगस्त 2024 तक जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.31 लाख करोड़ रुपये थी, और प्रति खाते औसतन 4,352 रुपये जमा थे। ज्यादातर खातों का उपयोग प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
सरकारी बैंकों की उपलब्धियां
- यूको बैंक ने अपने वार्षिक लक्ष्य का 110% हासिल करते हुए 10 लाख नए खाते खोले।
- पंजाब नेशनल बैंक ने 41 लाख खाते खोलकर 98% लक्ष्य पूरा किया।
- बैंक ऑफ बड़ौदा ने 29.5 लाख खाते खोलकर 89% लक्ष्य हासिल किया।
- भारतीय स्टेट बैंक ने 66 लाख खाते खोलकर 86% लक्ष्य हासिल किया।
चुनौतियां और आगे का रास्ता
विशेषज्ञों का कहना है कि जनधन योजना ने कमजोर वर्गों को वित्तीय मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, इन खातों के माध्यम से बीमा, बचत योजनाएं, और निवेश विकल्प जैसे अन्य वित्तीय उत्पादों तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता है।