Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 09 Jan, 2025 01:55 PM
18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ने एक बार फिर भारतीय समुदाय को अपनी जड़ों से जोड़ने और देश के विकास में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी के "भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है" के संदेश ने शांति और प्रगति के मार्ग पर चलने का आह्वान...
नेशनल डेस्क: भुवनेश्वर के ओडिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया और एक बार फिर भारतीय प्रवासियों के महत्व को रेखांकित किया। इस वर्ष का आयोजन ओडिशा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरती पर हुआ, जहाँ प्रधानमंत्री ने 'युद्ध नहीं, बुद्ध' के संदेश के माध्यम से शांति और विकास का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में कुशल कामगारों की मांग का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि जब भी भारतीय युवा विदेश जाएं, तो वे अपने साथ कौशल लेकर जाएं।''
भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक ओडिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ओडिशा की महान परंपराओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "यह भूमि भारत की सांस्कृतिक और व्यापारिक विरासत का प्रतीक है। सैकड़ों साल पहले ओडिशा से व्यापारी जावा, सुमात्रा और बाली तक जाते थे। आज भी यहाँ बाली यात्रा का आयोजन होता है।" यह राज्य न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है, बल्कि शांति के संदेश के लिए भी प्रसिद्ध है।
'भविष्य बुद्ध में है, युद्ध में नहीं'
पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया में एक समय ऐसा था जब साम्राज्य तलवार के बल पर बढ़ाए जाते थे। लेकिन ओडिशा ने सम्राट अशोक के माध्यम से शांति का मार्ग चुना।" उन्होंने आगे कहा कि आज भारत दुनिया को यह संदेश दे सकता है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है।
प्रवासी भारतीय, भारत के राष्ट्रदूत
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को 'राष्ट्रदूत' कहा। उन्होंने कहा, "आप भारत की परंपरा और आधुनिकता का संगम हैं। जहां भी भारतीय जाते हैं, वे उस देश के नियमों और परंपराओं का सम्मान करते हैं, लेकिन अपने दिल में भारत को जीवित रखते हैं।" उन्होंने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों और उनके द्वारा भारत की छवि को ऊँचा उठाने की सराहना की।
भारत की सफलता पर गर्व
पीएम मोदी ने कहा, "चंद्रयान की सफलता हो, डिजिटल इंडिया की ताकत हो, या वैश्विक स्तर पर भारत की आवाज़—हर भारतीय को गर्व होता है। आज का भारत न केवल अपने अधिकारों की बात कर रहा है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बुलंद कर रहा है।"
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की हुई शुरुआत
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन 'प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस' को भी हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन तीन सप्ताह तक प्रवासी भारतीयों को देश के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्रा कराएगी। इस पहल का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को भारत की विविधता और समृद्धि से परिचित कराना है।
सम्मेलन की थीम क्या रही?
इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की थीम 'विकसित भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान' रखी गई। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भी इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों की भूमिका को सराहा और उनके योगदान को विकसित भारत के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया।
समाज और शांति का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का समापन शांति और विकास के संदेश के साथ किया। उन्होंने कहा, "भारत की परंपराएँ और उसकी विविधता हमें विश्व मंच पर अलग पहचान देती हैं। यह समय है जब हम अपनी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता को साथ लेकर विश्व में नई ऊँचाइयाँ छूएँ।"