Edited By Rohini,Updated: 14 Jan, 2025 09:01 AM
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद लाखों श्रद्धालु देश के अलग-अलग हिस्सों से संगम पर डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां तक कि विदेशी भक्त...
नेशनल डेस्क। प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद लाखों श्रद्धालु देश के अलग-अलग हिस्सों से संगम पर डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां तक कि विदेशी भक्त भी इस भव्य आयोजन में शामिल हो रहे हैं।
भव्य तैयारियां और आध्यात्मिक माहौल
कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से सजा हुआ है। चारों ओर आध्यात्मिकता और धार्मिकता का माहौल है। हर तरफ धर्म की गूंज सुनाई दे रही है। संगम क्षेत्र को भव्य रूप से सजाया गया है और वहां आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है।
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महाकुंभ की तस्वीरें साझा करते हुए इसे सनातन संस्कृति और आस्था का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा, "आज आस्था के महापर्व 'मकर संक्रांति' के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025 में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई।"
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। भीड़ को सही तरीके से नियंत्रित करने के लिए रास्ते तय कर दिए गए हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए हैं और हर किसी की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है।
अखाड़ों का अमृत स्नान
महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने त्रिवेणी संगम पर पहले अमृत स्नान की शुरुआत करते हुए पवित्र डुबकी लगाई। सभी अखाड़ों को अमृत स्नान के लिए 40-40 मिनट का समय दिया गया है। अखाड़ों की डुबकी का क्रम निर्धारित किया गया है और सभी साधु-संत अपनी बारी के अनुसार स्नान कर रहे हैं।
साधुओं और श्रद्धालुओं की आस्था का संगम
आज मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर लगभग साढ़े नौ घंटे तक अखाड़ों का अमृत स्नान चलेगा। शिविर से संगम तक आने-जाने में 12 घंटे से भी अधिक का समय लग रहा है। श्रद्धालुओं और साधु-संतों का यह उत्साह महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को दर्शाता है।
महाकुंभ का यह आयोजन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत प्रतीक है। लाखों लोग इसमें शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं और यह कुंभ मेले को ऐतिहासिक बना रहा है।