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Predator Drone : बढ़ेगी पाक-चीन की टेंशन! बॉर्डर पर तैनात होगा 'दरिंदा', जानिए क्या है इसकी खासियत

Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Oct, 2024 05:18 PM

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भारत के दुश्मनों की नींद उड़ी हुई है। भारत ने अमेरिका के साथ एक ऐसी डील की है, जिससे चीन और पाकिस्तान की भी टेंशन बढ़ गई है। भारत ने मंगलवार को अमेरिका के साथ एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत विदेशी सैन्य बिक्री मार्ग के माध्यम से अमेरिकी...

नेशनल डेस्क : भारत के दुश्मनों की नींद उड़ी हुई है। भारत ने अमेरिका के साथ एक ऐसी डील की है, जिससे चीन और पाकिस्तान की भी टेंशन बढ़ गई है। भारत ने मंगलवार को अमेरिका के साथ एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत विदेशी सैन्य बिक्री मार्ग के माध्यम से अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ‘जनरल एटॉमिक्स' से लंबी अवधि के 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदे जाएंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसकी लागत करीब 4 अरब डॉलर होगी। इसका उद्देश्य चीन के साथ विवादित सीमाओं पर भारतीय सेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाना है।

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अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में भारत के शीर्ष रक्षा और रणनीतिक अधिकारियों की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रतीक है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से महज कुछ सप्ताह पहले ड्रोन खरीद के इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने एमक्यू-9बी ‘हंटर किलर' ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी। इस बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ‘जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन' के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल भी समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान उपस्थित थे।

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निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन खरीद रहा भारत 
जानकारी के अनुसार ड्रोन की खरीद पर लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर यानी  32,000 करोड़ रुपये के सौदे का अनुमान है। भारत विशेष रूप से चीन के साथ विवादित सीमा पर मुख्य रूप से सशस्त्र बलों की निगरानी व्यवस्था को बढ़ाने के लिए ड्रोन खरीद रहा है। पिछले साल जून में रक्षा मंत्रालय ने सरकार-से-सरकार ढांचे के तहत अमेरिका से एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी। एमक्यू-9बी ड्रोन एमक्यू-9 ‘‘रीपर'' का एक प्रकार है, जिसका उपयोग हेलफायर मिसाइल के संशोधित संस्करण को दागने के लिए किया गया था।

आपको बता दें कि यह ड्रोन कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अमेरिका ने अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को इसी से मार गिराया था। इस ड्रोन को सर्विलांस, जासूसी, इनफॉरमेशन या फिर दुश्मन के ठिकाने पर हमला करने के लिए भेजा जा सकता है। इस ड्रोन की रेंज 1900 किलोमीटर है और यह अपने साथ 1700 किलोग्राम वजनी हथियार लेकर जा सकता है।

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6 साल में पूरी होगी डिलीवरी 
इन प्रीडेटर ड्रोन की डिलीवरी 4 साल में शुरू होगी और छह साल में पूरी हो जाएगी।  इनमें से 15 ‘सी गार्डियन’ ड्रोन भारतीय नौसेना को मिलेंगे, जबकि वायु सेना और थल सेना को आठ-आठ ‘स्काई गार्डियन’ ड्रोन दिए जाएंगे। यह ड्रोन केवल निगरानी के लिए नहीं, बल्कि युद्धक भूमिका में भी उपयोग किए जा सकेंगे। 

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 क्या है प्रीडेटर ड्रोन की खासियत

1. लंबी उड़ान क्षमता

प्रीडेटर ड्रोन की सबसे बड़ी विशेषता उनकी लंबी उड़ान क्षमता है। ये ड्रोन 40,000 फीट की ऊंचाई पर 40 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं, जिससे उन्हें निगरानी और हमलों के लिए बेहद प्रभावी बना दिया गया है।

2. उच्च-altitude संचालन

इनकी ऊंचाई और उड़ान अवधि उन्हें दुश्मन के क्षेत्र में लंबे समय तक रहकर निगरानी करने की सुविधा प्रदान करती है। इससे ये किसी भी लक्षित क्षेत्र पर नज़र रख सकते हैं।

3. विनाशकारी हथियार

प्रीडेटर ड्रोन में हेलफायर मिसाइलें और स्मार्ट बम लगे होते हैं। ये उन्हें युद्ध के मैदान में अचूक और विनाशकारी हथियार बनाते हैं।

4. सटीकता

इनकी सटीकता बेहद उच्च होती है, जिससे ये लक्ष्यों को सटीकता से निशाना बना सकते हैं। इसका एक उदाहरण है जब अलकायदा के प्रमुख ज़ैमन अल-जवाहिरी को काबुल में इसी ड्रोन से नष्ट किया गया था।

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5. निगरानी और Reconnaissance

इन ड्रोन का उपयोग न केवल हमलों के लिए किया जाता है, बल्कि ये निगरानी और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में भी सहायक होते हैं।

6. Remote Operation

प्रीडेटर ड्रोन को दूर से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे पायलट को सुरक्षित स्थान से संचालन करने की सुविधा मिलती है।

7. टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट

इन ड्रोन में अत्याधुनिक तकनीक और सेंसर्स लगे होते हैं, जो उन्हें उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें और डेटा इकट्ठा करने में सक्षम बनाते हैं।

प्रीडेटर ड्रोन आधुनिक युद्ध और सुरक्षा अभियानों में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं, जो न केवल हमला करने की क्षमता रखते हैं, बल्कि दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने की भी सुविधा प्रदान करते हैं।

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अमेरिका के साथ और मजबूत होंगे संबंध
इस डील के माध्यम से भारत केवल अपने सैन्य तंत्र को सुदृढ़ नहीं करेगा, बल्कि अमेरिका के साथ सामरिक संबंधों को भी और मजबूत करेगा। यह सहयोग भारत को एक वैश्विक सैन्य ताकत के रूप में उभरने में मदद करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी स्थिति और मजबूत होगी।

अत्याधुनिक तकनीक का लाभ
अमेरिका से मिलने वाला यह रक्षा सहयोग भारत को अत्याधुनिक तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा। यह तकनीक दीर्घकालिक रक्षा जरूरतों को पूरा करने में सहायक साबित होगी, जिससे भारतीय सैन्य बलों की क्षमता में वृद्धि होगी।

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प्रीडेटर ड्रोन का महत्व

प्रीडेटर ड्रोन भारतीय सेना को किसी भी युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार करेंगे। इनकी मदद से सीमाओं की सुरक्षा में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे भारतीय सैन्य बल अधिक प्रभावी तरीके से ऑपरेशन कर सकेंगे। इन ड्रोन के आने से भारतीय नौसेना, वायु सेना और थल सेना के बीच तालमेल बेहतर होगा। यह एकीकृत संचालन की क्षमता को बढ़ाएगा, जिससे संपूर्ण सैन्य तंत्र को एक नया आयाम मिलेगा।

इस डील से न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं में वृद्धि होगी, बल्कि यह उसे वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति में भी लाएगी। प्रीडेटर ड्रोन के समावेश से भारतीय सेना की रणनीतिक योजनाओं में और अधिक सटीकता और कुशलता देखने को मिलेगी।

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