Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Sep, 2024 09:17 PM
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक व्यक्ति को निजी अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी और नवजात शिशु की छुट्टी कराने के लिए अपना तीन साल का बेटा कथित तौर पर ‘बेचने' के लिए मजबूर होना पड़ा।
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक व्यक्ति को निजी अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी और नवजात शिशु की छुट्टी कराने के लिए अपना तीन साल का बेटा कथित तौर पर ‘बेचने' के लिए मजबूर होना पड़ा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आर्थिक तंगी के चलते हताशा में किए गए इस कार्य की आलोचना होने पर स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया। पुलिस के मुताबिक, बरवा पट्टी निवासी हरीश पटेल ने अपनी पत्नी का सामान्य प्रसव कराने के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
हालांकि, अस्पताल की फीस भरने में असमर्थ रहने पर जच्चा-बच्चा को अस्पताल से नहीं जाने दिया गया। इससे निराश होकर बच्चे का पिता शुक्रवार को बच्चा गोद लेने की एक फर्जी समझौते के तहत महज कुछ हजार रुपये में अपने बेटे को बेचने के लिए राजी हो गया। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि इस घटना की जानकारी होने पर पुलिस ने जांच शुरू की और इस अपराध में शामिल बिचौलिया अमरेश यादव समेत पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए लोगों में बच्चा गोद लेने वाले दंपति- भोला यादव और उसकी पत्नी कलावती, एक फर्जी डाक्टर तारा कुशवाहा और अस्पताल में कार्यरत कर्मी सुगंती शामिल हैं। इस घटना पर कार्रवाई करने में कथित रूप से विफल रहने वाले एक पुलिस कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है। मिश्रा ने बताया, “बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसके माता पिता को सौंप दिया गया है।” स्थानीय लोगों के मुताबिक, हरीश पटेल दैनिक श्रमिक है और नवजात शिशु उसकी छठी संतान है।