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अब महिला कैदियों के बच्चे भी सीखेंगे ABC... पंजाब की जेलों में Anganwadi केंद्र खोलने की तैयारियां शुरू!

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 10 Feb, 2025 10:43 AM

preparations started to open anganwadi centers in punjab jails

पंजाब सरकार ने जेलों में बंद महिला कैदियों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब इन बच्चों को भी शिक्षा का अवसर मिलेगा क्योंकि राज्य सरकार ने पंजाब की जेलों में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्तमान में 46 बच्चों की...

नेशनल डेस्क। पंजाब सरकार ने जेलों में बंद महिला कैदियों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब इन बच्चों को भी शिक्षा का अवसर मिलेगा क्योंकि राज्य सरकार ने पंजाब की जेलों में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्तमान में 46 बच्चों की पहचान की गई है जिनकी उम्र 6 साल से कम है और ये सभी अपने माताओं के साथ जेल में बंद हैं। जल्द ही ये बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों का हिस्सा बनेंगे जहां उन्हें पढ़ाई और खेल-खिलौनों का लाभ मिलेगा।

धनबाद का एक ऐसा आंगनबाड़ी केंद्र जहां बच्चे क्लास में छाता लगाकर करते हैं  पढ़ाई, जानिए क्या है वजह - Anganwadi Center

 

क्या होगी आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधा?

पंजाब जेल नियम 2022 के तहत इन बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। बच्चों को प्राथमिक शिक्षा, खिलौने, झूले और खेल के सामान से शिक्षा दी जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषण कार्यक्रम, प्रारंभिक शिक्षा और पौष्टिक भोजन मिलेगा। इसके अलावा बच्चों की चिकित्सकीय जांच की जाएगी और उनके शारीरिक विकास की निगरानी भी की जाएगी।

 

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आंगनबाड़ी केंद्र के खुलने तक जेलों में बच्चों को जेबीटी (JBT) शिक्षक पढ़ाएंगे। इन शिक्षकों की नियुक्ति जनवरी 2025 में की गई थी। 15 जेबीटी शिक्षक बच्चों और उनकी माताओं को पढ़ाएंगे। एक महीने तक जेलों में आम स्कूलों की तरह कक्षाएं चलेंगी।

पंजाब की जेलों में कैदी महिलाओं के बच्चों का आंगनवाड़ी केंद्रों में होगा  नामांकन: डॉ. बलजीत कौर

 

क्रेच कक्षाएं भी की गई शुरू

पंजाब की 13 जेलों में महिला कैदी बंद हैं जिनमें से बठिंडा और लुधियाना में विशेष महिला जेलें हैं। इन जेलों में 46 बच्चों की देखभाल की जा रही है जिनमें से कुछ बच्चों की आयु 2 साल से भी कम है। इन बच्चों को क्रेच कक्षाओं में शिक्षा दी जाती है जहां खिलौनों, झूलों और खेलों के माध्यम से उनका विकास किया जाता है। इन कक्षाओं में बच्चों के खाने, दूध और अन्य आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है।

 

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महिला कैदियों के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में दाखिला

पंजाब सरकार ने महिला कैदियों के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में दाखिला देने का निर्णय लिया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने फरीदकोट की मॉडर्न सेंट्रल जेल का दौरा किया और वहां की महिला कैदियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि महिला कैदियों और उनके बच्चों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को शिक्षा और पोषण कार्यक्रम मिलेगा।

कैसे पलते हैं जेल में महिला कैदियों के बच्चें -

 

महिला कैदियों का कौशल विकास

इसके साथ ही मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने महिला कैदियों के कौशल विकास पर भी जोर दिया है। उन्होंने महिला कैदियों को सिलाई सिखाने के लिए जेल में एक सिलाई केंद्र भी शुरू किया है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और जेल से बाहर आने के बाद खुद अपनी आजीविका कमा सकें। इसके अलावा जेल में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

अंत में बता दें कि पंजाब सरकार की यह पहल महिला कैदियों और उनके बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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