हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर कार्रवाई की तैयारी, बीमा शर्तों की मंजूरी लेने का निर्देश

Edited By Parminder Kaur,Updated: 24 Mar, 2025 04:21 PM

preparations underway for action on housing finance companies

नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने होम लोन देने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को जमकर फटकार लगाई है। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे घर के लोन के साथ बीमा पॉलिसी बेचकर मिस सेलिंग (गलत तरीके से बेचना) कर रही हैं। NHB ने इन कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि...

नेशनल डेस्क. नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने होम लोन देने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को जमकर फटकार लगाई है। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे घर के लोन के साथ बीमा पॉलिसी बेचकर मिस सेलिंग (गलत तरीके से बेचना) कर रही हैं। NHB ने इन कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे लोन के साथ ग्राहकों पर बीमा पॉलिसी जबरदस्ती न थोपें।

NHB की जांच और निर्देश

NHB ने अपनी जांच में पाया कि कई बार इन फाइनेंस कंपनियों ने ग्राहकों से बीमा की मंजूरी लिए बिना ही उन्हें बीमा पॉलिसी बेची। इसके अलावा कई मामलों में बीमा पॉलिसी के प्रीमियम और शर्तें ग्राहकों की मंजूरी के फॉर्म में साफ-साफ नहीं दी गईं। एनएचबी ने अब बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्राहकों को बीमा पॉलिसी की सभी शर्तें ठीक से समझाएं और पॉलिसी की पूरी जानकारी दें।

बीमा से होने वाली कमाई पर चिंता

एनएचबी को चिंता है कि इन हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की कुल कमाई का एक बड़ा हिस्सा बीमा पॉलिसी बेचने से आ रहा है। कई बार ये कंपनियां ग्राहकों को सुरक्षा देने के बजाय केवल बीमा बेचने के उद्देश्य से बीमा पॉलिसी थोप देती हैं। एनएचबी ने कहा है कि फाइनेंस कंपनियों को ग्राहकों से पहले पूरी तरह से मंजूरी लेनी चाहिए और कम से कम दो बीमा कंपनियों के विकल्प देने चाहिए। ऐसा करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और बीमा की कीमतें भी कम होंगी।

ग्राहकों की शिकायतें

लोगों ने कई तरह की शिकायतें की हैं, जिनमें मुख्य शिकायत यह है कि लोन के साथ बेची जा रही बीमा पॉलिसी की शर्तें ग्राहकों को नहीं बताई जातीं। कई बार तो बीमा की अवधि लोन की अवधि से भी कम होती है। एनएचबी ने यह भी पाया कि कई फाइनेंस कंपनियों के पास बीमा बेचने के लिए बोर्ड से मंजूरी प्राप्त नीतियां नहीं थीं। इसके अलावा ये कंपनियां एक ही व्यक्ति को कई प्रकार के बीमा बेच रही थीं, जिनमें टर्म लाइफ इंश्योरेंस, बिल्डिंग इंश्योरेंस, क्रिटिकल इलनेस कवरेज, हॉस्पिटलाइजेशन बेनिफिट्स और डिसेबिलिटी इंश्योरेंस जैसे बीमे शामिल थे। एनएचबी ने नोटिस किया कि इनमें से कुछ बीमा लोन लेने वालों के लिए जरूरी भी नहीं थे।

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