Edited By Parminder Kaur,Updated: 12 Jan, 2025 12:25 PM
रविवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण और मानवता की सेवा के लिए प्रेरित किया।
नेशनल डेस्क. रविवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण और मानवता की सेवा के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रपति ने 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए कहा- "स्वामी विवेकानंद भारत के महान आध्यात्मिक संदेश को पश्चिमी दुनिया तक लेकर गए। उन्होंने भारत के लोगों में एक नया आत्मविश्वास भरा। उनकी विरासत दुनिया भर के अनगिनत लोगों को प्रेरित करती रही है।
स्वामी विवेकानंद का जीवन और योगदान
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उन्होंने भारतीय संस्कृति और वेदांत के संदेश को पश्चिमी देशों तक पहुंचाया। 1893 में शिकागो में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण ने भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाया। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने, ज्ञान प्राप्त करने और समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
स्वामी विवेकानंद के प्रमुख विचार
आत्मविश्वास: "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
सेवा भावना: "मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है।"
युवाओं के लिए संदेश: "युवा शक्ति देश के भविष्य को बदल सकती है।"