भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया आर्ट ऑफ लिविंग के 10वें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Feb, 2025 04:18 PM

president inaugurated the 10th international women s conference of art of living

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के 10वें संस्करण के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने 50 देशों की 500 से अधिक प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए, हर महिला को अपने भीतर की शक्ति, गुण और प्रतिभाओं को पहचानने...

बेंगलुरु, 14 फरवरी 2025: भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के 10वें संस्करण के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने 50 देशों की 500 से अधिक प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए, हर महिला को अपने भीतर की शक्ति, गुण और प्रतिभाओं को पहचानने और समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित किया।

माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर और आर्ट ऑफ लिविंग ने दुनिया भर के लोगों को ध्यान और मानवीय सेवाओं के माध्यम से आंतरिक शांति पाने के लिए प्रेरित किया है। आज की इस प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मानवीय मूल्य बरकरार रहें। यहीं पर महिलाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वे करुणा और दयालुता के साथ नेतृत्व करती हैं। माननीय राष्ट्रपति ने मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने की आवश्यकता पर कहा, "सभी को अपनी बात रखने और अभिव्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण और समर्थन प्रणाली बना कर ही आप इस विषय पर चुप्पी तोड़ सकते हैं । मानसिक शक्ति के बिना बाधाओं और रूढ़ियों को तोड़ना संभव नहीं है।"

PunjabKesari

"विशेष रूप से 'जस्ट बी' थीम पर आधारित इस सम्मेलन ने जीवन की चुनौतियों का सामना करने और दुनिया में सार्थक बदलाव लाने के लिए सजग रूप से ठहराव, संतुलन, आत्म-स्वीकृति और लचीलेपन को अपनाने की अपील की।"
अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के प्रेरणास्त्रोत, वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कहा, “हम किसी भी महिला की आंखों से एक भी आंसू नहीं गिरने दे सकते।” उन्होंने कहा कि एक सकारात्मक वातावरण से प्रगति होती है, और एक महिला की उपस्थिति से ही वातावरण खुशहाल और सकारात्मक हो जाता है।
उन्होंने कहा, “महिलाओं की भावनाएँ एक आशीर्वाद है क्योंकि यह भावनात्मक शक्ति ही है जो उन्हें लोगों को एकजुट करने की क्षमता देती है। शायद अगर महिलाएं दुनिया के प्रमुख देशों में नेतृत्व की भूमिका निभाएं, तो जो संघर्ष, विवाद, युद्ध और विभिन्न सामाजिक विकृतियाँ हम आज देखते हैं, वे कम हो सकती हैं या यहां तक कि समाप्त हो सकती हैं।”

PunjabKesari

गुरुदेव ने यह भी कहा, “भारत ने दिखाया है कि महिलाओं को सशक्तिकरण की कितनी आवश्यकता है और यह बहुत प्रगतिशील है। यहां पुरानी कथाओं के अनुसार सभी मुख्य मंत्रालयों का प्रभार महिलाओं को ही सौंपा गया हैं, जैसे रक्षा मंत्रालय- दुर्गा, वित्त मंत्रालय - लक्ष्मी और शिक्षा मंत्रालय - सरस्वती सम्भालती हैं ।

आंतरिक शक्ति, आत्मप्रेम और सजगता के साथ नेतृत्व की भूमिकाओं को संतुलित करना, 10वें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में गूंजता हुआ संदेश था, जिसमें सत्ता, कूटनीति और कला के क्षेत्र से जुड़ी बेहतरीन महिला नेताओं का संगम हुआ।

PunjabKesari

लगभग दो दशकों और 10 संस्करणों में, अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन ने 115 देशों से प्रतिष्ठित वक्ताओं और 6,000 प्रतिनिधियों को एकत्रित किया है। इस वर्ष के सम्मेलन में 60 से अधिक वक्ता और 50 से अधिक देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। यह सम्मेलन महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे आत्मचिंतन कर सकती हैं, प्रेरित हो सकती हैं, संवाद कर सकती हैं और अपनी जीवनयात्रा साझा कर सकती हैं।  साथ ही ध्यान, प्राणायाम और योग के माध्यम से अपने भीतर की यात्रा पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन की शुरुआत गुरुदेव की बहन और सम्मेलन की अध्यक्ष श्रीमती भानुमति नरसिम्हन के दृष्टिकोण से हुई। वह पिछले चार दशकों से भारत के दूर-दराज क्षेत्रों में समग्र शिक्षा के प्रसार के लिए काम कर रही हैं और लाखों लोगों को ध्यान और खुशी का रास्ता दिखा चुकी हैं। सम्मेलन के बारे में उन्होंने कहा, "‘जस्ट बी’ हमें अपने आप से जुड़ने, ठहरने और जीवन में संतुलन बनाने के लिए प्रेरित करता है। ध्यान हमें वर्तमान में रहने में सहायता करता है, जिससे स्पष्टता और रचनात्मकता बढ़ती है। यह सम्मेलन एक ऐसा मंच है जहां हम सब मिलकर सीख सकते हैं, अपने विचार साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे के साथ दयालुता और आंतरिक शांति को अपनाते हुए आगे बढ़ सकते हैं।"

PunjabKesari

सम्मानित वक्ताओं ने अपनी व्यक्तिगत यात्राओं के दृष्टिकोण से महिलाओं को आगे बढ़ने, बदलाव लाने और अपने समुदायों और राष्ट्रों को प्रेरित करने के लिए अपने विचार साझा किए।

प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “कई भूमिकाओं को सहजता  के साथ संतुलित करना वह वास्तविकता है जिसका सामना कई महिलाएँ करती हैं। कई लोग पूछते हैं कि मैं नृत्य, प्रस्तुतियाँ और सार्वजनिक सेवा को कैसे सम्भालती हूँ? मैं कहती हूँ, 'जस्ट बी।' योग, नृत्य और ध्यान, जिसे गुरुदेव ने सिखाया है; मुझे खुद को केंद्रित करने में मदद करते हैं।" महिला और बाल विकास मंत्री माननीय श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा: "'जस्ट बी' हमें यह याद दिलाता है कि भौतिक सफलता का पीछा करते हुए हमें जमीन से जुड़े रहना चाहिए। ध्यान और प्राणायाम हमें संतुलन और स्पष्टता पाने में मदद करते हैं। जब महिलाएं खुद को पूरी तरह से स्वीकार करती हैं, तो उन्हें आत्मविश्वास और स्वतंत्रता मिलती है।"

माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, श्रीमती शोभा करंदलाजे  ने भारत की नीति में बदलाव के बारे में बताया, जहां अब "महिलाओं के विकास" से "महिला-नेतृत्व वाले विकास" की ओर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "शासन, व्यापार और विज्ञान में महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं।" उन्होंने गर्व से भारत के योगदान और दुनिया में उसकी नेतृत्व की बात की, जो "विजय नहीं, बल्कि ज्ञान और मानव मूल्यों" के माध्यम से हुआ है।

उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के काम की सराहना की, जो तनाव-राहत कार्यक्रमों और सेवा परियोजनाओं से दुनिया भर में लाखों लोगों को शांति दे रहा है।

PunjabKesari

कॉमनवेल्थ की माननीय महासचिव, पैट्रीशिया स्कॉटलैंड का मुख्य संदेश था - अनिश्चितता को लचीलेपन और विश्वास के साथ पार करना। उन्होंने कहा, "हम कठिन दौर से गुजर रहे हैं, जहां दर्द और चुनौतियाँ हैं। आज हमें पहले से कहीं अधिक धैर्य और शांति के संदेश की आवश्यकता है। दृढ़ संकल्प, इच्छा, योग और ध्यान के अभ्यास से, हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और बाधाओं को तोड़ सकते हैं। जो भी सफलता मैंने पाई है, मेरी मेहनत से नहीं बल्कि मेरे विश्वास के कारण है।"
सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर समाज सेवा, कला और संस्कृति में महत्त्वपूर्ण और समावेशी योगदान के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के प्रतिष्ठित विशालाक्षी पुरस्कार दिये गये। महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के क्षेत्र में श्रीमती अन्नपूर्णा देवी को; भारतीय सिनेमा, परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स और सार्वजनिक सेवा के लिए श्रीमती हेमा मालिनी को; सामाजिक न्याय और समानता के क्षेत्र में माननीय पैट्रिशिया स्कॉटलैंड को; सतत ग्रामीण विकास के क्षेत्र में श्रीमती अमला रुइया को; कृषि अनुसंधान और ग्रामीण विकास में डॉ. भाग्यश्री प्रसाद पाटिल को; बेहतर पेरेंटिंग को बढ़ावा देने के लिए कैथरीन विंटर सेलरी को; भारत के 200 मंदिरों की मूर्तियों को संरक्षित और संग्रहित करने के लिए श्रीमती आर पद्मावती को; भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए श्रीमती संगीता जिंदल को; पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए श्रीमती स्मिता प्रकाश को और सार्वजनिक सेवा के लिए श्रीमती सुमलथा अम्बरीश को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर गुरुदेव के पिताजी के नाम पर प्रतिष्ठित आचार्य रत्नानंद पुरस्कार भी प्रदान किया गये, जिन्होनें अपनी पूरा जीवन मानवता की सेवा, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया था। साहस और विपरीत परिस्थितियों में सेवा के लिए यह पुरस्कार लेफ्टिनेंट कर्नल अनिश मोहन को प्रदान किया गया। इसके अलावा पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए श्री अरनब गोस्वामी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!