Edited By Mahima,Updated: 06 Jan, 2025 09:58 AM
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी और सरकार में बढ़ते असंतोष और विद्रोह के कारण इस्तीफा देने का संकेत दिया है। उनका यह कदम डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे और ट्रंप के व्यापारिक विवादों से उपजे दबाव का परिणाम हो सकता है।...
नेशनल डेस्क: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक अहम घोषणा की है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि वह बहुत जल्द प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब उनकी पार्टी, लिबरल पार्टी, में अंदरूनी विद्रोह और असहमति की स्थिति पैदा हो गई है। इससे पहले, जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के नेताओं और सांसदों से मिली आलोचनाओं को लेकर सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष रखा था, लेकिन अब यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उन्हें खुद इस्तीफा देने का विचार करना पड़ा है।
नेशनल कॉकस की बैठक से पहले इस्तीफा देने का ऐलान
ट्रूडो ने यह घोषणा करने से पहले यह सुनिश्चित किया कि पार्टी के नेताओं के बीच स्थिति और बिगड़ने से पहले वह एक कदम उठाएं। पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, ट्रूडो ने अपनी लिबरल पार्टी के नेशनल कॉकस की बैठक से पहले इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इस बैठक में उन्हें पार्टी के नेताओं और सांसदों से तीव्र विरोध का सामना करना पड़ सकता था, और उन्हें यह डर था कि यदि वह इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें पार्टी नेतृत्व से हटाया जा सकता था। कनाडा की संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में फिलहाल लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं, जबकि इस सदन की कुल सीटें 338 हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 170 है। इस संख्या के हिसाब से लिबरल पार्टी को अपने सहयोगियों से समर्थन की जरूरत थी। कुछ महीने पहले, ट्रूडो की सरकार को सहयोग देने वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि, अक्टूबर में हुए बहुमत परीक्षण में, ट्रूडो को एक अन्य पार्टी का समर्थन मिल गया था, जिससे उनकी सरकार बच गई थी।
क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने दिया इस्तीफा
हालांकि, यह संकट केवल पार्टी स्तर तक सीमित नहीं है। कनाडा की डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे ने इस संकट को और गहरा कर दिया। क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने पद से इस्तीफा उसी दिन दिया जब उन्हें बजट पेश करना था। उनकी विदाई से ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव और बढ़ गया, क्योंकि उनके इस्तीफे ने संकेत दिया कि ट्रूडो के साथ पार्टी और कैबिनेट में भी असंतोष की भावना तेजी से फैल रही है। क्रिस्टिया के इस्तीफे के बाद, अब कैबिनेट और पार्टी के अंदर इस बात की बहस शुरू हो गई है कि क्या ट्रूडो को पद से हटाया जाना चाहिए। कई लिबरल पार्टी के नेता और सदस्य अब ट्रूडो के नेतृत्व के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। इस स्थिति ने कनाडा की राजनीति में एक अस्थिरता का माहौल बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, ट्रूडो पर इस्तीफा देने का दबाव अब अधिक मजबूत हो गया है, खासकर उनके खिलाफ पार्टी के भीतर बढ़ते विद्रोह और असहमति को देखते हुए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का व्यापारिक विवाद
यह दबाव केवल पार्टी और सरकार से ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे से भी बढ़ा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से कनाडा पर अपने वाणिज्यिक नीतियों के तहत हमला बोला है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। उनका कहना है कि इन देशों से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं और इसके साथ ही, ड्रग्स की तस्करी भी बढ़ रही है। इस संबंध में ट्रूडो और क्रिस्टिया फ्रीलैंड के बीच मतभेद सामने आए थे। माना जा रहा है कि इस व्यापारिक विवाद और ट्रंप की नीति को लेकर दोनों नेताओं के बीच मतभेद बढ़े थे। अब जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए यह स्थिति और भी कठिन हो सकती है। इन टैरिफ उपायों का कनाडा की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है, और इससे ट्रूडो के ऊपर बढ़ते राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
कनाडा में जनता का असंतोष और मीडिया की प्रतिक्रिया
कनाडा के लोगों में भी अब ट्रूडो के प्रति गुस्सा बढ़ गया है। हालिया दिनों में टीवी पर हुए लाइव साक्षात्कारों में कई नागरिकों ने ट्रूडो की आलोचना करते हुए कहा कि वह देश को बर्बाद कर चुके हैं। एक व्यक्ति ने तो यह भी कहा कि ट्रूडो के अंदर उनके पिता की ईमानदारी का कोई अंश नहीं है और अब उनके जाने का समय आ गया है। इसके अलावा, मीडिया में भी ट्रूडो के खिलाफ एक मुहिम शुरू हो गई है। प्रमुख पत्रकारों ने सार्वजनिक रूप से यह कहा है कि ट्रूडो अब तक की सबसे कमजोर स्थिति में हैं और उनके इस्तीफे से ही कनाडा के लिए बेहतर स्थिति हो सकती है। पत्रकार डैनियल बॉर्डमैन ने यह टिप्पणी की है कि ट्रूडो के इस्तीफे से देश को स्थिरता मिल सकती है।
क्या होगा अगला कदम?
अब यह देखना होगा कि क्या जस्टिन ट्रूडो वास्तव में इस्तीफा देंगे या वह अपने पद पर बने रहने के लिए कोई और रास्ता अपनाएंगे। अगर वह इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी को एक नए नेता की तलाश करनी होगी और साथ ही कनाडा की सरकार को भी नए दिशा-निर्देश की आवश्यकता होगी। फिलहाल यह स्थिति अस्थिर बनी हुई है, और भविष्य में होने वाली राजनीतिक घटनाएं कनाडा के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं।