Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Mar, 2025 09:37 AM

2025 के अंत और 2026 में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हो सकती हैं। इसका भारत को बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि सस्ते दामों पर अच्छी गुणवत्ता का कच्चा तेल मिल सकता है। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम भी घट सकते हैं। बता दें कि अभी खाड़ी देशों का कच्चा तेल 71...
नेशनल डेस्क: 2025 के अंत और 2026 में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हो सकती हैं। इसका भारत को बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि सस्ते दामों पर अच्छी गुणवत्ता का कच्चा तेल मिल सकता है। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम भी घट सकते हैं। बता दें कि अभी खाड़ी देशों का कच्चा तेल 71 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी कच्चा तेल 67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है। अगर ये गिरावट जारी रहती है, तो आने वाले समय में भारत में ईंधन की कीमतों में राहत मिल सकती है।
क्या है अमेरिकी बैंक की भविष्यवाणी?
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने 2025 के अंत और 2026 के लिए कच्चे तेल की कीमतों को लेकर एक बड़ा अनुमान लगाया है। बैंक का कहना है कि तेल की मांग धीमी रहने और OPEC+ देशों ( जिनमें रूस, कजाकिस्तान, अजरबैजान, मैक्सिको, ओमान, ब्रुनेई, बहरीन, मलेशिया, दक्षिण सूडान और सूडान शामिल हैं) की ओर से ज्यादा आपूर्ति होने की उम्मीद के कारण यह बदलाव किया गया है।
नई रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2025 में ब्रेंट क्रूड की कीमत $71 प्रति बैरल हो सकती है, जो पहले के अनुमान से $5 कम है। वहीं, WTI क्रूड की कीमत $67 प्रति बैरल रहने की संभावना है। 2026 में ब्रेंट का औसत मूल्य $68 और West Texas Intermediate (WTI) का $64 होने का अनुमान लगाया गया है।
Goldman Sachs के अनुसार, 2025 में तेल की मांग 0.9 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़ेगी, जबकि पहले यह आंकड़ा 1.1 मिलियन बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान था। इसकी वजह अमेरिका में ज्यादा टैरिफ के चलते आर्थिक गतिविधियों की धीमी रफ्तार बताई गई है।
बैंक ने यह भी कहा कि OPEC+ देश तेल उत्पादन पहले के अनुमान से जल्दी बढ़ा सकते हैं। पहले यह वृद्धि जुलाई 2025 से होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह अप्रैल 2025 से ही शुरू हो सकती है। फिलहाल, ब्रेंट क्रूड की कीमत सोमवार रात 2208 GMT पर 40 सेंट बढ़कर $70.98 प्रति बैरल पर कारोबार कर रही थी।अगर यह अनुमान सही साबित हुआ, तो भारत जैसे देशों को सस्ते दामों पर कच्चा तेल मिल सकता है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी राहत मिल सकती है।
भारत में पेट्रोल-डीजल होंगे सस्ते?
एक हिंदी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Goldman Sachs की भविष्यवाणी सटीक साबित होती है, तो 2026 तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है।
दिल्ली में पेट्रोल 85 रुपये और डीजल 78 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है। इससे देश में महंगाई दर में गिरावट देखने को मिल सकती है और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। बता दें कि अभी भारत के कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब भी 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बनी हुई हैं। दिल्ली को छोड़कर कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार हैं।
फिलहाल भारत में ईंधन के दाम
शहर |
पेट्रोल (₹/लीटर) |
डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली |
94.77 |
87.67 |
कोलकाता |
105.01 |
91.82 |
मुंबई |
103.50 |
90.03 |
चेन्नई |
100.80 |
92.39 |
बेंगलुरु |
102.92 |
88.99 |
चंडीगढ़ |
94.30 |
82.45 |
गुरुग्राम |
95.25 |
88.10 |
लखनऊ |
94.69 |
87.81 |
नोएडा |
94.87 |
88.01 |
क्या सच में मिलेगा फायदा?
वर्तमान में भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% आयात करता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, तो सरकार को इसका फायदा उठाकर पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने चाहिए। हालांकि, सरकार एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स के माध्यम से तेल से भारी राजस्व अर्जित करती है, जिससे कीमतों में कटौती उतनी तेज़ी से नहीं हो सकती जितनी अपेक्षित है।
पेट्रोल-डीजल के दाम 10 रुपये प्रति लीटर सस्ता होने का अनुमान
कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी बैंक की भविष्यवाणी सटीक बैठती है, तो भारत में तेल के दाम घटने की पूरी संभावना है। 2026 तक पेट्रोल-डीजल के दाम 10 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं, जिससे देश में महंगाई नियंत्रण में रहेगी। हालांकि, यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार टैक्स घटाने के लिए कितनी तत्परता दिखाती है।