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प्रधानमंत्री मोदी ने महावीर जयंती पर दी श्रद्धांजलि, बोले- उनके आदर्शों से मिलता है प्रेरणा

Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Apr, 2025 11:22 AM

prime minister modi paid tribute on mahavir jayanti

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान महावीर की जयंती के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा, सत्य और करुणा आज भी दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरणा और शक्ति प्रदान करते...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान महावीर की जयंती के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा, सत्य और करुणा आज भी दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरणा और शक्ति प्रदान करते हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके आदर्श दुनिया भर में अनगिनत लोगों को शक्ति प्रदान करते है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था और इस निर्णय की काफी सराहना हुई थी। 

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संदेश में कहा, 

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"हम सभी भगवान महावीर को नमन करते हैं, जिन्होंने सदैव अहिंसा, सत्य और करुणा पर जोर दिया। उनके आदर्श दुनिया भर में अनगिनत लोगों को शक्ति प्रदान करते हैं।"

सरकार भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार महावीर स्वामी के विचारों और जीवन मूल्यों को समाज में उतारने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो हिंसा से मुक्त हो, सत्य की राह पर चले और करुणा से ओतप्रोत हो। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार हमेशा भगवान महावीर की सोच को साकार करने के लिए काम करती रहेगी।"

प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा – एक ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी याद दिलाया कि पिछली वर्ष सरकार ने प्राकृत भाषा को **शास्त्रीय भाषा** का दर्जा दिया था, जो जैन धर्म और प्राचीन भारतीय साहित्य की समृद्ध परंपरा को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण निर्णय था। इस कदम की व्यापक स्तर पर सराहना की गई थी। प्राकृत भाषा जैन धर्म के अनेक ग्रंथों और शिक्षाओं की मूल भाषा रही है। इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा देना जैन संस्कृति और परंपरा के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जा रहा है।

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जैन समुदाय की भूमिका की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने जैन समुदाय द्वारा भगवान महावीर की शिक्षाओं को सहेजने और उन्हें जन-जन तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जैन समाज ने न केवल धार्मिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक कल्याण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। जैन समुदाय द्वारा उनकी शिक्षाओं को खूबसूरती से संरक्षित किया गया और लोकप्रिय बनाया गया है। भगवान महावीर से प्रेरित होकर, उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है और सामाजिक कल्याण में योगदान दिया है," उन्होंने कहा।

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अंतिम विचार

महावीर जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह भगवान महावीर की शिक्षाओं और सिद्धांतों को आत्मसात करने का अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश समाज को एक बार फिर से यह याद दिलाता है कि आज के युग में भी शांति, अहिंसा और करुणा जैसे मूल्य कितने आवश्यक हैं। अगर आप चाहें तो इस खबर को इन्फोग्राफिक्स या न्यूज बुलेटिन के फॉर्मेट में भी तैयार किया जा सकता है। बताइए कैसा चाहिए?

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