संविधान दिवस पर प्रियंका गांधी ने BJP को घेरा, कहा- बैलट पर चुनाव करिए सच सामने आ जाएगा

Edited By Rahul Rana,Updated: 13 Dec, 2024 01:52 PM

priyanka gandhi cornered bjp on constitution day

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने संविधान के मुद्दे पर चर्चा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव बैलट (मतपत्र) पर हो, तो "सच सामने आ जाएगा" और देशवासियों को बीजेपी के वास्तविक चेहरे का पता चल जाएगा।...

नॅशनल डेस्क। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने संविधान के मुद्दे पर चर्चा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव बैलट (मतपत्र) पर हो तो "सच सामने आ जाएगा" और देशवासियों को बीजेपी के वास्तविक चेहरे का पता चल जाएगा। प्रियंका गांधी का यह बयान संविधान दिवस के मौके पर हुआ जब देशभर में संविधान और उसके महत्व पर विचार विमर्श चल रहा था।

प्रियंका गांधी का बीजेपी पर आरोप

प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और उसे केवल अपनी सत्ता बचाने का मतलब समझ में आता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का आचरण संविधान के प्रति नफरत और हिंसा की भावना से प्रेरित है जो देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। प्रियंका ने कहा कि अगर चुनाव निष्पक्ष और ईमानदारी से बैलट पेपर के जरिए कराए जाएं तो बीजेपी को इसकी सच्चाई का सामना करना पड़ेगा।

कांग्रेस नता प्रियंका गांधी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि हमारे देश के करोड़ों नागरिकों के संघर्ष और उनके अधिकारों की पहचान में संविधान की ज्योत जल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह ज्योत हमारे संविधान के महत्व को दर्शाती है जो हमारे देशवासियों को सुरक्षा, न्याय और स्वतंत्रता प्रदान करता है।

प्रियंका गांधी ने कहा, "हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का कवच है। लेकिन दुख की बात यह है कि सत्तापक्ष के लोग जो बड़े-बड़े वादे करते हैं उन्होंने पिछले 10 सालों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने की कोशिश की है।"

संविधान की सुरक्षा पर सवाल उठाए

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि संविधान में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय का वादा किया गया है जो हर नागरिक को सुरक्षित रखने का काम करता है। हालांकि उनके अनुसार यह वादा अब खतरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने "लेटरल एंट्री" और "निजीकरण" के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश की है।

प्रियंका ने यह भी कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आते तो सरकार संविधान में बदलाव की दिशा में भी कदम बढ़ा सकती थी। लेकिन चुनावों के नतीजों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि देश की जनता इस संविधान को सुरक्षित रखेगी और इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलने वाली है।

संविधान के प्रति जनजागरूकता और समर्थन

प्रियंका गांधी ने इस चुनावी परिप्रेक्ष्य में यह महसूस किया कि "हारते-हारते जीतते हुए" यह एहसास हुआ है कि इस देश में संविधान को बदलने की कोई जगह नहीं है। उनका यह बयान देशवासियों के संविधान के प्रति समर्थन और संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र में संविधान सर्वोच्च है और इसे कोई भी ताकत तोड़ नहीं सकती।

प्रियंका गांधी के इस बयान ने संविधान के प्रति उनके दृढ़ निष्ठा और सत्तापक्ष द्वारा संविधान के उल्लंघन के आरोपों को और बल प्रदान किया है।

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