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विदेशों में भी कंगना की "Emergency" का कड़ा विरोध; खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन के सिनेमाघरों में रोकी स्क्रीनिंग (Video)

Edited By Tanuja,Updated: 21 Jan, 2025 01:01 PM

pro khalistan activists disrupt screening of emergency in london

देश में खास कर पंजाब में ही नहीं विदेशों में भी कंगना रनौत(Kangna Ranaut )की बहुचर्चित फिल्म "Emergency"फिल्म का विरोध हो रहा है। ब्रिटेन में 'Emergency' को लेकर विवाद ...

International Desk: देश में खास कर पंजाब में ही नहीं विदेशों में भी कंगना रनौत(Kangna Ranaut )की बहुचर्चित फिल्म "Emergency"फिल्म का विरोध हो रहा है। ब्रिटेन में 'Emergency' को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में खालिस्तान समर्थक सिखों के विरोध के बाद ब्रिटेन (Britain) के कई प्रमुख सिनेमाघरों ने फिल्म की स्क्रीनिंग (Screenings)को रद्द कर दिया  गया है। सिख समुदाय के विरोध के चलते बर्मिंघम और वॉल्वरहैम्प्टन के सिनेमाघरों में फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई। पहले इस फिल्म को ब्रिटेन के 50 सिनेमाघरों में दिखाए जाने का प्लान था, लेकिन विरोध के बाद कई सिनेमाघरों ने इसे अपनी स्क्रीनिंग से हटा लिया। फिल्म को विशेष रूप से स्टार सिटी व्यू और सिनेवर्ल्ड जैसे प्रमुख सिनेमा हॉल से हटाया गया था। बताया जा रहा है कि इस फैसले के पीछे स्थानीय समुदायों के विरोध और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चिंताएं हैं।

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 'Emergency' एक राजनीतिक थ्रिलर फिल्म है, जो एक संवेदनशील ऐतिहासिक घटना पर आधारित है। हालांकि, इसके कंटेंट को लेकर अलग-अलग समुदायों में विरोध देखा गया। कई लोगों ने इसे भड़काऊ बताते हुए आरोप लगाया कि फिल्म धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। ब्रिटेन के कई थिएटर मालिकों ने कहा है कि उन्होंने यह निर्णय "सुरक्षा कारणों" से लिया है। कुछ जगहों पर प्रदर्शन और विरोध के चलते सिनेमाघरों के बाहर तनावपूर्ण माहौल बन गया था। इसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने भी स्थानीय अधिकारियों को सलाह दी कि स्क्रीनिंग पर रोक लगाई जाए।

 

सिख समुदाय के लोग फिल्म में इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान हुए सिख नरसंहार के संदर्भ में उनके चित्रण को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि फिल्म में इंदिरा गांधी को ऐसी प्रधानमंत्री के रूप में दिखाया गया है जिन्होंने अपनी हत्या से पहले सिखों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया। इस कारण, फिल्म को सिख विरोधी और भारत सरकार का प्रचार बताया गया है। सोशल मीडिया पर सिख समुदाय के लोगों ने इस फिल्म के विरोध में आवाज उठाई और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए। बर्मिंघम स्टार सिटी में विरोध करने वाले सिख पुरुषों के एक समूह ने सिनेमाघर के मैनेजर को घेर लिया, जिसके बाद मैनेजर ने फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करने का निर्णय लिया। शेर-ए-पंजाब नामक संगठन ने इंस्टाग्राम पर इस कदम को सिखों की एकता और विरोध की जीत बताया। 

 

फिल्म के निर्माताओं ने कहा है कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और इसे कलात्मक स्वतंत्रता के तहत बनाया गया है। उन्होंने ब्रिटेन के दर्शकों से अपील की है कि वे फिल्म को खुले दिमाग से देखें। फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द होने के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे सही कदम मान रहे हैं।  फिल्म निर्माता ब्रिटेन में नए सिरे से रिलीज के लिए स्थानीय प्रशासन और सिनेमाघरों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, यह देखना बाकी है कि विवादों के बीच यह फिल्म ब्रिटिश दर्शकों तक पहुंच पाती है या नहीं।  

 

इस घटना के बाद, UK के एक फिल्म वितरक ने मीडिया से कहा कि किसी भी फिल्म को रिलीज होने से रोकने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि यह एक फिल्म है और इसे देखे बिना इसे रोकने का कोई मतलब नहीं है। फिल्म के वितरकों और सिख समुदाय के बीच यह विवाद अब और बढ़ता दिख रहा है। इस विरोध के बाद, ब्रिटेन के अन्य सिनेमाघरों में भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। फिल्म के निर्माता और विरोध करने वाले दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात रखने में लगे हुए हैं।

  

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