Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Jan, 2025 04:32 PM
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक स्थल बनाने की प्रक्रिया केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है। इसके लिए उनके परिवार को कुछ प्रमुख स्थानों के सुझाव दिए गए हैं.......
नेशनल न्यूज: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक स्थल बनाने की प्रक्रिया केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है। इसके लिए उनके परिवार को कुछ प्रमुख स्थानों के सुझाव दिए गए हैं, जहां यह मेमोरियल बनाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए तीन स्थानों—राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल और किसान घाट—का सुझाव दिया है। इन स्थानों में 1 से 1.5 एकड़ जमीन स्मारक के लिए प्रस्तावित की गई है। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही इन स्थानों का निरीक्षण कर लिया है।
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स्मारक निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन अनिवार्य
नीति आयोग के नियमों के अनुसार, स्मारक के लिए भूमि केवल किसी ट्रस्ट को आवंटित की जा सकती है। इसलिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। इसके बाद यह ट्रस्ट भूमि आवंटन के लिए आवेदन करेगा और लोक निर्माण विभाग (CPWD) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगा। सूत्रों के अनुसार स्मारक का संभावित स्थान राजघाट हो सकता है, जहां पहले से ही जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधियां स्थित हैं।
सरकार और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस चली थी। कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे। लेकिन अब केंद्र सरकार ने स्मारक निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए परिवार से परामर्श शुरू कर दिया है।
मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर, 2024 को 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में हुआ था। 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था। भारत सहित विश्व भर के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया था। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया था।
अर्थव्यवस्था के सुधारक के रूप में याद किए जाएंगे
मनमोहन सिंह, जिन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है, ने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में देश की आर्थिक नींव को मजबूत किया। उनका स्मारक भारतीय राजनीति में उनकी विरासत को अमर बनाएगा।