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प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने नमो ड्रोन दीदियों से की मुलाकात, महिला सशक्तिकरण पर जताई सराहना

Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Mar, 2025 02:38 PM

professor jonathan fleming met namo drone sisters

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के वरिष्ठ व्याख्याता प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने शनिवार को नई दिल्ली के आईसीएआर पूसा परिसर में नमो ड्रोन दीदियों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार द्वारा महिला...

नई दिल्ली: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के वरिष्ठ व्याख्याता प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने शनिवार को नई दिल्ली के आईसीएआर पूसा परिसर में नमो ड्रोन दीदियों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना की।

महिला सशक्तिकरण में प्रौद्योगिकी का प्रभाव
प्रोफेसर फ्लेमिंग ने कहा कि वह यह देखकर उत्साहित हैं कि भारत महिला सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक आदर्श बन सकती है।
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ड्रोन तकनीक से मिल रहे लाभ
प्रोफेसर फ्लेमिंग से बातचीत के दौरान ड्रोन दीदियों ने बताया कि ड्रोन का उपयोग करने से उन्हें खेती में काफी मदद मिल रही है। खासकर घनी फसलों में उर्वरकों और कीटनाशकों का छिड़काव करना अब बहुत आसान हो गया है। पहले यह एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब ड्रोन की मदद से यह काम जल्दी और प्रभावी तरीके से हो रहा है। ड्रोन दीदियों ने यह भी कहा कि उन्हें "ड्रोन दीदी" कहलाने पर गर्व महसूस होता है, और उनके जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है।

भारत में ड्रोन तकनीकी विकास
प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने आईआरएआई के ड्रोन रोबोटिक और मशीन लर्निंग सेंटर का भी दौरा किया। यहां उन्हें ड्रोन तकनीकी विकास और पारंपरिक कृषि में बदलाव लाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. रवि साहू, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी प्रभाग, आईआरएआई ने बताया कि भारत कैसे स्वदेशी ज्ञान और आधुनिक तकनीकों को एकीकृत कर कृषि क्षेत्र में सुधार ला रहा है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत की विशेष उपलब्धि
प्रोफेसर फ्लेमिंग ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अमेरिका में ड्रोन प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी ज्यादातर पुरुष होते हैं, जबकि भारत में यह स्थिति बिलकुल अलग है। यहां सभी लाभार्थी महिलाएं हैं, जो एक बड़ा उदाहरण है कि भारत किस तरह से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा, "मैं भारत में अपने अनुभवों से कई सकारात्मक संदेश लेकर अपने देश वापस जा रहा हूं।"
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ड्रोन तकनीक से भविष्य की ओर कदम
प्रोफेसर फ्लेमिंग ने कहा कि भारत न केवल अपनी मौजूदा कृषि प्रणाली में बदलाव ला रहा है, बल्कि भविष्य में इस क्षेत्र में निवेश भी कर रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उप निदेशक रमन वाधवा ने प्रोफेसर फ्लेमिंग को नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, गीता, सीता, प्रियंका और हेमलता नामक चार नमो दीदियों ने आईएआरआई परिसर के खेतों में ड्रोन द्वारा छिड़काव का लाइव प्रदर्शन किया। यह कदम भारतीय कृषि और महिला सशक्तिकरण के लिए एक नई दिशा दिखा रहा है, जिसमें तकनीकी विकास और सामाजिक बदलाव का मेल देखने को मिल रहा है।

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