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‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की शुरुआत

Edited By Archna Sethi,Updated: 06 Mar, 2025 08:10 PM

project hifazat launched

हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की शुरुआत

 

चंडीगढ़, 6 मार्च (अर्चना सेठी)अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की शुरुआत की। परियोजना का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के पीडि़तों के लिए प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करना है। पंजाब सरकार के इस मिशन का मकसद सभी की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है। यह प्रोजेक्ट पीडि़तों तक सहायता पहुंचाने और एक एकीकृत सहायता प्रणाली प्रदान करने में सहायक होगा।

 

आज यहां मेगासीपा, सेक्टर-26 में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ शुरू करने का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को सहायता प्रदान करना है जो घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं, कार्यस्थल पर उत्पीडऩ झेलती हैं या किसी भी प्रकार की हिंसा का सामना करती हैं लेकिन डर के कारण अपनी समस्याओं को व्यक्त नहीं कर पातीं। उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को अपने मोबाइल फोन की संपर्क सूची में 181 नंबर अवश्य जोड़ लेना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा की स्थिति में वे बिना डर के हमसे संपर्क कर सकें।

 

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना पंजाब को खुशहाल और सुरक्षित प्रदेश बनाना है। यह तभी संभव होगा जब प्रदेश की महिलाएं भयमुक्त होकर जीवन व्यतीत करेंगी। उन्होंने कहा कि ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ इस दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।उन्होंने कहा कि कई योजनाओं के बावजूद, समय पर सहायता उपलब्ध कराने में अब भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच तालमेल को सुचारू बनाकर इन समस्याओं को हल करने के लिए तैयार किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि पीडि़तों को तत्काल सहायता मिले।

 

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि ‘मिशन शक्ति’ और ‘मिशन वात्सल्य’ के तहत 24&7 काम करने वाली महिला और बाल हेल्पलाइन इस प्रोजेक्ट की रीढ़ होगी। यह हेल्पलाइन संकट की स्थिति में महिलाओं और बच्चों को तुरंत सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगी। कॉल को इमरजेंसी, नॉन-इमरजेंसी या सूचना के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, और इमरजेंसी मामलों को तुरंत इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (श्वक्रस्स्-112) को ट्रांसफर किया जाएगा।

 

यह पहल सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंजाब पुलिस और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के बीच समन्वय को बढ़ावा देगी। यह सहयोग बचाव कार्यों, कानूनी सहायता, चिकित्सा सहायता और मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने में मदद करेगा। जिक्र योग्य है कि इस कार्यक्रम का संचालन डिप्टी कमिश्नरों की निगरानी में जिला कार्यक्रम अधिकारी करेंगे। पीडि़तों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्येक जिले में समर्पित वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।

 

गैर-आपातकालीन मामलों में, वन-स्टॉप सेंटर, जिला बाल सुरक्षा इकाइयां और महिला सशक्तिकरण के जिला केंद्रों के माध्यम से मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सहायता और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पीडि़तों को शेल्टर होम और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम कॉल ट्रैफिक का प्रबंधन करेगा, महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा और निगरानी व मूल्यांकन के लिए रिपोर्ट तैयार करेगा।

 

डॉ. बलजीत कौर ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, "प्रोजेक्ट हिफाज़त के जरिए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी पीडि़त उपेक्षित या असहाय महसूस न करे। यह पहल एक सुरक्षित वातावरण बनाएगी और पीडि़तों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए सशक्त बनाएगी।"

 


 

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